चैतन्य भारत न्यूज
भारत की लौह महिला (Iron lady) और प्रथम प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 103वीं जयंती है। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। इंदिरा अकेली वह महिला हैं जिन्होंने न केवल अपने देश में बल्कि विदेश में भी अपनी मजबूती और इरादों के डंके बजवाए हैं। जब भी देश को चांद पर ले जाने की बात कही जाएगी इंदिरा गांधी का नाम आएगा।
इंदिरा अपने मजबूत इरादों को लेकर राजनीति के शुरुआती दिनों से ही चर्चा में रही थीं। उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में सूचना और प्रसारण मंत्री का पद संभाला था। शास्त्री जी के निधन के बाद वह देश की तीसरी प्रधानमंत्री बनीं। जन्मदिन के इस खास मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं इंदिरा गांधी द्वारा लिए गए कुछ ऐतिहासिक फैसलों के बारे में-
बैंको का राष्ट्रीयकरण
19 जुलाई, 1969 को इंदिरा गांधी ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया था। उन्होंने देश के बड़े 14 निजी बैंको का राष्ट्रीयकरण (Nationalization) किया था। इन 14 बैंकों में उस समय देश का 70 फीसद धन जमा था। सरकार ने यह निर्णय गरीबों तक बैंक सुविधा पहुंचाने के लिहाज से लिया था क्योंकि उस समय बैंक केवल पैसे वालों का ही खाता खोलती थी।
बांग्लादेश का निर्माण
आजादी के पहले अंग्रेज बंगाल का धार्मिक विभाजन कर गए थे। हिंदू बंगालियों के लिए पश्चिम बंगाल और मुस्लिम बंगालियों के लिए पूर्वी पाकिस्तान बना दिए गए थे। बता दें कि पाकिस्तान में सैन्य शासकों ने पूर्वी पाकिस्तान में बहुत शोषण किया था, जिस कारण 1 करोड़ से ज्यादा लोग पाकिस्तान को छोड़कर भारत आ गए थे। ऐसे में भारत को पाकिस्तान के साथ युद्ध करना पड़ा जिसमें पाकिस्तान को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान पाकिस्तान को अपने 90,000 सैनिकों के साथ समर्पण करना पड़ा।
आपातकाल
इंदिरा को लगने लगा था कि उनकी प्रजा उनके विरोध में उतर चुकी है और फिर उन्होंने अपने खिलाफ उठ रही आवाज को दबाने के लिए आपातकाल की मदद ली। आपातकाल के समय देवकांत बरुआ कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उन्होंने एक नया नारा दिया ‘इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया।’ इंदिरा ने देश में 25 जून 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद उन्होंने बड़ी संख्या में अपने विरोधियों को गिरफ्तार किया और उन पर जुल्म किए गए। यह दिन भारतीय लोकतंत्र का ‘काला दिवस’ कहा जाता है।
ऑपरेशन ब्लूस्टार
वह इंदिरा ही थीं जिसने पंजाब में फैले उग्रवाद को समाप्त करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया और 1984 में स्वर्ण मंदिर पर कब्जा किए उग्रवादियों को निकाल फेंकने के लिए कड़े फैंसले लिए। उन्होंने पवित्र स्थल से उग्रवादियों को बाहर निकाला। जो बाद में उनकी मौत का कारण भी बना। दरअसल जनरैल सिंह भिंडरावाला सहित कुछ अलगाववादी भारत के टुकड़े करके पंजाबियों के लिए एक अलग देश बनाना चाहते थे। यह सभी आतंकी स्वर्ण मंदिर में छुपे हुए थे। इन्हीं आतंकियों को मारने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया जिसमें सभी आतंकियों को मार गिराया गया। इसी कारण इंदिरा गांधी की हत्या भी हुई थी। 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी को गोली मार दी गई।