चैतन्य भारत न्यूज
जकार्ता. ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि जिस व्यक्ति ने किसी कानून को बनाने में मदद की हो उसे ही वह कानून तोड़ने की सजा मिली हो। ऐसा ही मामला इंडोनेशिया से सामने आया है। यहां मुखलिस बिन मुहम्मद नाम के एक शख्स को सरेआम 28 कोड़े मारे गए। मुखलिस पर आरोप है कि उसने एक विवाहित महिला के साथ संबंध रखे।
जानकारी के मुताबिक, इंडोनेशिया में जब कोई शादीशुदा पुरुष किसी विवाहित महिला के साथ संबंध रखता है तो इसे व्यभिचार (Adultery) माना जाता है। यह घटना इंडोनेशिया के सुमात्रा में घटी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सख्त नियम को एकेह उलेमा काउंसिल (एमपीयू) ने इंडोनेशिया में बनाया। नियम बनाने वाली कमेटी में मुखलिस भी शामिल था। लेकिन अब वहीं इसी कानून को तोड़ते हुए पकड़ा गया। सूत्रों के मुताबिक, समुद्र तट के करीब एक कार से पुलिस ने मुखलिस और एक महिला को पकड़ा। इसके बाद गुरुवार को उसे सजा दी गई। सजा के तौर पर मुखलिस को 28 कोड़े और महिला को 23 छड़ी मारी गई। इसके अलावा मुखलिस को एकेह उलेमा कमेटी से भी तुरंत हटा दिया गया।
बता दें मुखलिस इंडोनेशिया के एकेह प्रांत का रहने वाला है। एकेह प्रांत रूढ़िवादी माना जाता है। यहां पर सख्त इस्लाेमिक कानून लागू हैं। एकेह प्रांत में जुआं खेलने और समलैंगिक संबंध रखने जैसी चीजों का अपराध माना जाता है। इसके लिए यहां पर बड़े ही सख्त कानून भी बनाए गए हैं, जिनके तहत कड़ी सजा का प्रावधान है। एकेह के डिप्टी मेयर का हुसैनी वहाब का कहना है कि, ‘ये सब अल्लाह के बनाए नियम कायदे हैं। जो भी इन्हें तोड़ेगा, उसे सजा दी जाएगी। फिर चाहे नियम कायदे तोड़ने वाला उलेमा काउंसिल का सदस्यह ही क्यों ना हो।’ सूत्रों के मुताबिक, 46 साल का मुखलिस इंडोनेशिया का पहला ऐसा धर्मगुरू है, जिसे साल 2005 में देश में शरीया कानून लागू होने के बाद सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने की सजा दी गई।