चैतन्य भारत न्यूज

भारत में 3800 से ज्यादा बाघ
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंगलों में कटाई और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व में लगभग 6000 बाघ ही बचे थे जिनमें से 3891 बाघ भारत में मौजूद थे।
दुनियाभर में पाई जाने वाली बाघों की प्रजातियां-
बाघों की मुख्य 6 प्रजातियां हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं।
बंगाल बाघ
बंगाल टाइगर/बाघ या पेंथेरा टिगरिस को प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक माना जाता है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है जोकि भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ के शौर्य, सुंदरता और बल को देखते हुए बंगाल टाइगर को भारत में राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाजा गया है। इंडोचाइनीज बाघ की प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं।
साइबेरिया बाघ
सुदूर पूर्वी इलाके अमर-उसर के जंगलों में साइबेरिया बाघों की प्रजाति पाई जाती है। उत्तर कोरिया की सीमा रेखा के पास उत्तर-पूर्वी चीन में हुंचुन नेशनल साइबेरियाई टाइगर नेचर रिजर्व में कुछ संख्या में यह बाघ बचे हुए हैं। साथ ही यह रूस के सुदूर पूर्व में भी कुछ संख्या में पाए जाते हैं।
मलायन बाघ
मलायन प्रजाति वाले बाघ मलय प्रायद्वीप में पाए जाते हैं।