चैतन्य भारत न्यूज
ईरान की कोर्ट ने एक अजीब फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिजाब की बाध्यता खत्म करने के लिए अभियान चलाने वाली युवती को 24 साल की सजा सुनाई है। बुर्के के खिलाफ ‘व्हाइट वेडनसडे कैंपेन’ चलाने वाली 20 साल की सबा अफसरी को सजा सुनाते हुए जज ने कहा कि, महिलाओं का हिजाब उतरवाकर आपने देश में भ्रष्टाचार और वेश्यावृति को बढ़ावा दिया है।
क्या है ‘व्हाइट वेडनसडे’ कैंपेन
दरअसल ईरान में सोशल मीडिया पर हिजाब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें महिलाओं को बिना हिजाब पहने तस्वीर शेयर किए जाने की अपील की जा रही है। इसे महिला सशक्तिकरण से जोड़कर देखा गया है। कैंपेन के पहले दो हफ्ते में 200 वीडियो पोस्ट हुए और 5 लाख लोगों ने इन्हें देखा। जानकारी के मुताबिक, अफसरी और उनकी मां राहीला अहमदी ‘व्हाइट वेडनसडे कैंपेन’ के प्रमुख हैं। इन्होंने हिजाब के खिलाफ अभियान चलाया जिसने महिलाओं को बिना हिजाब के फोटोज पोस्ट करने को प्रेरित किया।
जुर्म कबूलने से किया मना, इसलिए ज्यादा सजा
जानकारी के मुताबिक, अफसरी को जेल में महिला कैदियों के साथ रखा गया जहां उन पर अपने जुर्म कबूल करने के लिए दबाव डाला गया, ताकि इसे टेलीविजन पर प्रसारित किया जा सके। लेकिन अफसरी ने अपना जुर्म कबूल करने से इंकार कर दिया जिसके चलते उनकी सजा और बढ़ा दी गई। कोर्ट ने आदेश दिया कि ऐसा करने वाली महिलाओं को 1 से 10 साल तक की सजा दी जाएगी।