चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने बुधवार को मानवरहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान में भेजी जाने वाली ह्यूमनॉइड व्योममित्रा का वीडियो जारी किया।
इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने बताया कि, ‘यह एक हाफ ह्यूमेनॉयड रोबोट है। इसका नाम है व्योममित्र। इस ह्यूमेनॉयड रोबोट में मानव शरीर से संबंधित कुछ मशीनें लगी हैं जो अंतरिक्ष में मानव शरीर संरचना पर होने वाले बदलावों का अध्ययन करेगी। साल 1984 में राकेश शर्मा रूस के अंतरिक्ष यान में बैठकर अंतरिक्ष गए थे। इस बार भारतीय एस्ट्रोनॉट्स भारत के अंतरिक्ष यान में बैठ कर स्पेस में जाएंगे।’
इसरो चीफ डॉक्टर के. सिवन ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए जनवरी के अंत में ही 4 चुने हुए एस्ट्रोनॉट्स ट्रेनिंग के लिए रूस भेजे जाएंगे। हमारे गगननॉट्स की ट्रेनिंग रूस में 11 महीने चलेगी। इसके बाद वे भारत में आकर क्रू मॉड्यूल की ट्रेनिंग लेंगे। ये ट्रेनिंग बेंगलुरु के पास चलकेरा में होने की संभावना है।
First glimpse of ‘व्योममित्र’, the half humanoid prepaired by @isro for #Gaganyaan mission unveiled…
Proud moment for us… pic.twitter.com/BmUT6J6pDr— Maheish Girri (@MaheishGirri) January 22, 2020
के. सिवन का कहना है कि, ‘गगनयान मिशन सिर्फ इंसान को अंतरिक्ष में भेजने का मिशन नहीं है। यह मिशन हमें आगे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग जुटाने में मदद करेगा। हम जानते हैं कि वैज्ञानिक खोज, आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकी विकास और युवाओं को प्रेरणा देना सभी देशों का लक्ष्य है। किसी भारतीय द्वारा अंतरिक्ष की यात्रा इन सभी प्रेरणाओं के लिए सबसे बेहतरीन प्लेटफॉर्म है।’ उन्होंने कहा कि, ‘हम तीन चरणों में यह सब कर रहे हैं। दिसंबर 2020 और जून 2021 में दो मानवरहित मिशन और उसके बाद दिसंबर 2021 में मानवयुक्त अंतरिक्ष यान भेजेंगे।”