चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. होली के दिन से ही मध्यप्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। बुधवार को सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
बता दें सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के 22 अन्य विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया धोखे से कांग्रेस विधायकों को लेकर गए थे। मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य में कांग्रेस सरकार बच जाएगी। पिक्चर अभी बाकी है। जो विधायक कर्नाटक गए हैं वह जल्द ही कांग्रेस के साथ आ जाएंगे।’
Delhi: #JyotiradityaMScindia joins BJP at party headquarters, in the presence of party president JP Nadda. pic.twitter.com/YiF3hMXJav
— ANI (@ANI) March 11, 2020
सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया को बीजेपी के नजदीक लाने के पीछे बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम का हाथ है। जफर ने ही सिंधिया को कांग्रेस से नाता तोड़ बीजेपी खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई है। जफर, ज्योतिरादित्य सिंधिया को काफी समय से जानते थे। सिंधिया और जफर की दिल्ली में स्थित उनके घर में मुलाकात भी हो चुकी है। पिछले पांच महीनों से सिंधिया और जफर की मुलाकात का सिलसिला बढ़ गया। इसके बाद खुद ज्योतिरदित्य सिंधिया ने अपनी तरफ से बीजेपी में आने की पेशकश की।
सिंधिया के इस बड़े फैसले से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर संकट है और पार्टी अब अल्पमत में आ गई है। बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी।