चैतन्य भारत न्यूज
सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा त्यौहार करवा चौथ इस बार 4 नवंबर को है। चांद का यह त्यौहार रिश्तों का उत्सव है। इस दौरान जीवनसाथी के साथ करवा चौथ मनाई जाती है। हालांकि, ये सभी पर्व तो केवल यह झलक दिखला जाते हैं कि पारिवारिक संबंध कितने मजबूत हैं। रिश्तों के इस पर्व पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं परिवार और उनके बीच रिश्ते से जुड़ी कुछ खास बातें जिसके जरिए आप अपने रिश्तों को और भी मजबूत कर सकते हैं।
रवैया या तौर तरीका
अगर हम बात करें रवैए की तो पति के लिए पत्नी केवल काम करने की मशीन हो, बहू के लिए सास केवल त्योहारों पर याद आने वाला रिश्ता हो और सास के लिए बहू केवल बेटे की पत्नी हो, तो इस तरह के रिश्ते, रिश्ते नहीं बल्कि रिश्तों के लेबल कहें जाएंगे। बल्कि सच तो यह है कि सभी का आपस में जीवनभर का साथ है। इसलिए एक-दूसरे के साथ रवैया हमेशा एक समान रखें।
मन के विचार
यह एक ऐसा जरिया है जो सीधे मन के द्वार खोलता है। इसलिए इसका सीधा और साफ होना बहुत जरुरी है। दरअसल आधी अधूरी बात, चुभते शब्द और कितनी ही बार अबोला रिश्तों को जल्द ही खत्म कर देता है। क्योंकि शब्दों का चयन आपकी परवरिश बताता है।
समझ या पहचान
जाहिर से बात है पति और पत्नी दोनों ही अलग-अलग माहौल में पले-बढे होते हैं। इसलिए जीवनभर साथ रहने के लिए एक दूसरे को समझना बहुत जरुरी है। दो लोग एक जैसे सोच-विचार, आचार- व्यवहार के नहीं हो सकते हैं साथ ही दोनों के दृष्टिकोण भी अलग होंगे जिन्हें समझकर चलना पड़ता है।
तालमेल या मिलान
तालमेल से मतलब समझौते से है। कौन नौकरी करेगा, कौन घर का काम करेगा। इसका फैसला एक निर्णय लेकर नहीं किया जा सकता। इस दौरान आप ध्यान रखें कि किसी का मन न दुखे, किसी के सपने न टूटे, कोई बोझ तले न दबे।
आपसी समझबूझ रखना
यह जिंदगी का वह पहलू है जिसे बुद्धिमान लोग अपने जीवन में लेकर न सिर्फ खुद के लिए जिंदगी आसान करते हैं बल्कि जीवनसाथी को भी परिवार के साथ मजबूती से जोड़ देते हैं।