चैतन्य भारत न्यूज
सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस महीने में शिवभक्त भोले बाबा के प्रति अपना प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करने के लिए अलग-अलग कार्य करते हैं। मान्यता है कि, सावन महीने में जो भी भक्त भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग का नाम जपता है उसके सातों जन्म तक के पाप नष्ट हो जाते हैं। इन्हीं में से एक है केदारनाथ ज्योतिर्लिंग जिसे प्रमुख माना गया है। आइए जानते है केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की विशेषता के बारे में।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का महत्व
यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। केदारनाथ का वर्णन स्कंद पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है। पुराणों के मुताबिक, हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनके प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया। बता दें भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का पांचवा स्थान है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की विशेषता
हिंदू धर्म की आस्था के मुताबिक, केदारनाथ धाम को ऊर्जा का बड़ा केंद्र माना जाता है। भगवान शिव का यह मंदिर 85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा है। केदारनाथ धाम और मंदिर तीन तरफ पहाड़ों से घिरा है। एक तरफ करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ है, दूसरी तरफ 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड है और तीसरी तरफ 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड है। इतना ही नहीं बल्कि, यहां पांच नदियों मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी का भी संगम है।
मंदिर के कपाट खुलने का समय
मंदिर के कपाट दीपावली महापर्व के दूसरे दिन (पड़वा) शीत ऋतु में बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान यहां 6 माह तक दीपक जलता रहता है। 6 माह बाद मई माह में केदारनाथ के कपाट खुलते हैं। इस बीच मंदिर और उसके आसपास कोई नहीं रहता है, लेकिन आश्चर्य यह है कि, 6 माह तक दीपक भी जलता रहता और निरंतर पूजा भी होती रहती है।
कहां है और कैसे पहुंचे केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। आप इन तरीकों से केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जा सकते हैं।
हवाई मार्ग : केदारनाथ हवाई जहाज से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। केदारनाथ के नजदीक जॉली ग्रांट एरपोर्ट, देहरादून है जो कि केदारनाथ से 239 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग : दिल्ली से हरिद्वार या ऋषिकेश रेल मार्ग से 4-5 घंटे में पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग : अगर आप दिल्ली से केदारनाथ सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून से केदारनाथ के लिए कार या जीप बुक कर सकते हैं।