चैतन्य भारत न्यूज
कोच्ची. केरल नन रेप केस में पीड़िता नन का साथ देने वाली एक और नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा को फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कॉन्ग्रेगेशन (धर्मसभा) यानी धर्मसभा ने निष्कासित कर दिया है। बता दें लूसी कलाप्पुरा भी उन पांच ननों में शामिल थीं जिन्होंने रेप पीड़िता नन के समर्थन में कोच्ची उच्च न्यायालय के बाहर प्रदर्शन किया था।
Kerala: Sister Lucy Kalappura, one of the nuns who had participated in the protest against rape-accused Bishop Franco Mulakkal, has been dismissed from the Franciscan Clarist Congregation. (file pic) pic.twitter.com/pkncy3byF0
— ANI (@ANI) August 7, 2019
लूसी कलाप्पुरा पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने धर्मसभा की इजाजत के बिना अपनी कविता प्रकाशित करवाईं, कार खरीदी, पूर्व बिशप के खिलाफ प्रदर्शन किया, टीवी शो में भी शामिल हुईं, कर्ज लिया और प्रतिकूल जीवनशैली अपनाई। इसके अलावा लूसी कलाप्पुरा पर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने का, नन के लिए तय पोशाक नहीं पहनने और समय पर नहीं आने के भी आरोप लगाए गए हैं। आरोप पत्र में कहा गया है कि, लूसी ने धर्मसभा के नियम ताेड़ने वाली जीवनशैली अपनाई। उन्होंने अपनी गलती सुधारने की भी कोई कोशिश नहीं की। इसलिए अब उन्हें चर्च से निकाला जा रहा है। लूसी को 10 दिन के अंदर अपना कान्वेंट छोड़ने का आदेश दे दिया गया है।
बता दें लूसी कलाप्पुरा ने पांच और ननों के साथ मिलकर साल 2014 से 2016 के बीच एक अन्य नन से बार-बार दुष्कर्म किए जाने के खिलाफ आवाज उठाई थी। इस मामले में जालंधर के आर्चबिशप फ्रांको मुलक्कल मुख्य आरोपी हैं। फिलहाल लूसी केरल के वायनाड में द्वारका सैक्रेड हार्ट स्कूल में कार्यरत हैं। 5 अगस्त को धर्मसभा के सुपीरियर जनरल एन जोसेफ ने लूसी के नाम एक खत जारी किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि, लूसी को धर्मसभा के नियमों का उल्लंघन करने पर कोई पछतावा नहीं हुआ और न ही उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब दिया।
बता दें इससे पहले 11 मई 2019 को जनरल काउंसिल की एक बैठक में मतदान द्वारा लूसी को हटाने का फैसला किया गया था। इस फैसले को वैटिकन की स्वीकृति के लिए भेजा गया था। वैटिकन ने इसके जवाब में नन पर लगाए गए आरोपों को सही मानकर उन्हें नन के पद से हटा देने का आदेश दिया है। वहीं इस मामले में लूसी का कहना है कि वह अपनी जगह छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी और कानूनी लड़ाई लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि, ‘मैंने जो भी किया वह प्रदर्शन कर रहीं लाचार नन के समर्थन में किया। मेरा कार खरीदना व किताब लिखना गुनाह कैसे है? अब मैं अपने शुभचिंतकों की मदद से कानूनी कार्रवाई करूंगी।’ गौरतलब है कि नन ने जालंधर डायोसिस के पूर्व बिशप मुलक्कल पर 2014 और 2016 के बीच बार-बार रेप करने के आरोप लगाए थे। पादरी ने नन से उस वक्त तक रेप किया जब वह डायोसिस का बिशप था।