चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में बुधवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, ‘आपका आशय नहीं था, लेकिन जिस तरीके से मारा गया, वो क्रूर था। आपको दोषी करार दिया जाता है।’
ये थे दोषी
बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत कुल 11 आरोपी थे। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर, कामता प्रसाद (सब इंस्पेक्टर), अशोक सिंह भदौरिया (SHO), विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह और जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह को इस मामले में दोषी करार दिया गया है।
Delhi’s Tis Hazari Court holds guilty the 7 accused including expelled BJP MLA Kuldeep Singh Senger (who is already convicted in rape case) for the custodial death of Unnao rape victim’s father; 4 other acquitted by the Court pic.twitter.com/XJtEw9UDQV
— ANI (@ANI) March 4, 2020
कौन हुआ बरी
कोर्ट ने शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, अमीर खान, कॉन्स्टेबल और शरदवीर सिंह को पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में बरी कर दिया गया है।
12 मार्च को सजा का ऐलान
कोर्ट ने कहा कि, ‘दुष्कर्म पीड़िता के पिता को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि मौत हो गई। मृतक के शरीर पर 18 जख्म थे।’ दोषियों की सजा का ऐलान 12 मार्च को किया जाएगा। जज ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, ‘यह मेरी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल रहा।’ जज ने इस मामले की जांच कर रही सीबीआई और पीड़ित के वकील की भी सराहना की।
दुष्कर्म मामले में मिल चुकी है उम्रकैद की सजा
गौरतलब है कि उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर नाबालिग लड़की ने 2017 में दुष्कर्म का आरोप लगाया था। दरअसल पीड़िता शशि सिंह नामक एक महिला के साथ 4 जून 2017 को नौकरी मांगने के लिए सेंगर के घर पहुंची थी। महिला सेंगर की करीबी थी। इस दौरान सेंगर ने पीड़िता का बलात्कार किया।
साल 2018 में इस संबंध में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। जांच के बाद सेंगर को 14 अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद बीजेपी ने उसे पार्टी से निष्काषित कर दिया था। इस मामले में 16 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया था। फिर 20 दिसंबर को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी और पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।