चैतन्य भारत न्यूज
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरा देश स्तब्ध है। वहीं इंदौर के मूक बधिर संगठन में रहने वाली गीता की आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं क्योंकि सुषमा स्वराज उनके लिए मां जैसी थीं। बता दें पाकिस्तान की एक सामाजिक संस्था में बचपन से रह रहीं गीता के माता-पिता के भारत में होने की जानकारी मिलने पर सुषमा उनके माता-पिता से मिलाने का वादा करके भारत लेकर आईं थीं।
अक्टूबर 2016 को गीता दिल्ली आईं और फिर उन्हें इंदौर की स्कीम नंबर-71 स्थित एक मूक-बधिर संगठन को सौंपा गया। तब से वह यहीं पर हैं। वहीं सुषमा की बड़ी इच्छा थी कि कोई योग्य युवक उनका हाथ थाम ले और जल्द से जल्द उनकी शादी हो जाए। जानकारी के मुताबिक, गीता के लिए कई रिश्ते भी आए लेकिन कही बात बन नही पाई। फिर मंगलवार की रात अचानक सुषमा इस ख्वाहिश को अपने दिल में लिए दुनिया को अलविदा कह गईं।
बता दें गीता अभी इंदौर के हरनाम लक्ष्मी खुशीराम बघिर बालक छात्रावास में रह रही हैं। गीता को इंदौर लाने के पीछे सुषमा की सोच थी कि यहां वह ज्यादा सुरक्षित रहेंगी। शिवराज सिंह चौहान जब तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे वह भी गीता की खेर-खबर पूछते रहे। गीता बोल और सुन नहीं सकती हैं। 10-11 साल की उम्र में गीता पाकिस्तानी रेंजर्स को सरहद पार मिली थीं। इसके बाद सुषमा गीता को भारत लेकर आईं।
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