चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें फडणवीस ने शनिवार को सुबह 7:30 बजे राज्य के 28वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उनका कार्यकाल महज 80 घंटे का रहा। इसी के साथ फडणवीस सबसे कम कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में अपना नाम शामिल कर चुके हैं। आइए जानते हैं उन मुख्यमंत्रियों के बारे में जिन्होंने कम समय के लिए राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला-
जगदंबिका पाल
सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड उत्तरप्रदेश के नेता जगदंबिका पाल के नाम है। उन्होंने 21 फरवरी 1998 को यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर 21 फरवरी को जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। लेकिन उनके इस फैसले को अगले दिन हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने राज्यपाल का आदेश बदल दिया। पाल बहुमत साबित नहीं कर पाए और फिर उन्हें 24 घंटे में ही सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा।
बीएस येदियुरप्पा
फडणवीस से पहले भाजपा के ही नेता बीएस येदियुरप्पा ने कम समय के लिए सीएम बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था। साल 2018 में कर्नाटक मे मचा सियासी घमासान पूरे देश ने देखा। येदियुरप्पा ने बिना बहुमत के 17 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले ही उन्होंने 19 मई को इस्तीफा दे दिया। वह सिर्फ ढाई दिन यानी 55 घंटे के लिए ही सीएम बन पाए थे।
देवेंद्र फडणवीस
तीसरे नंबर पर आता है भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस का नाम, जिनका बतौर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल 80 घंटे का रहा। फडणवीस ने 23 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उन्होंने 26 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
ओम प्रकाश चौटाला
हरियाणा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश चौटाला को साल 1990 में 12 जुलाई को दोबारा सीएम पद मिला। लेकिन उनके सीएम बनते ही संसद में बवाल खड़ा हो गया। ऐसे में चौटाला को महज 6 दिन के अंदर ही 17 जुलाई 1990 को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बता दें चौटाला विधायक न होते हुए भी मुख्यमंत्री बन गए थे। इससे पहले भी वह 3 बार सीएम बने और 3 बार इस्तीफा दिया। चौटाला कभी 6 दिन, कभी 16 दिन तो कभी 172 दिन सीएम रहे।
नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी ऐसे मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में हैं, जिन्होंने फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। नीतीश ने साल 2000 में बहुमत से 8 विधायक कम होने के बाद भी 3 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली, लेकिन 10 मार्च 2000 को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। उनका कार्यकाल 8 दिन का रहा।
शिबू सोरेन
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के साथ भी इसी तरह की स्थिति बनी थी। साल 2005 में वह 10 दिनों के लिए मुख्यमंत्री रहे थे। उन्होंने 2 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन 12 मार्च को उन्हें इस पद से इस्तीफा देना पड़ा।
एससी मारक
साल 1998 में मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री एससी मारक की सरकार सिर्फ 12 दिन ही चली। 27 फरवरी को उन्होंने शपथ ली और 10 मार्च को इस्तीफा दे दिया। वे दो बार मेघालय के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं।