चैतन्य भारत न्यूज
लखनऊ. धर्मांतरण की आड़ में महिला उत्पीड़न और लव जेहाद के मामलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब सख्त कानून लाने की तैयारी में हैं। इसके लिए देश के कुछ राज्यों में धर्मांतरण पर रोक लगाने के उद्देश्य से बनाए गए विशेष कानून का अध्ययन किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश में लव जिहाद के सामने आए मामलों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है।
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को लव जेहाद की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने का आदेश दिया था। उन्होंने बताया था कि यह कार्य संगठित तरीके से किया जा रहा है, इसलिए यदि आवश्यक हो तो इसके लिए अध्यादेश भी लाया जा सकता है। उनके इस निर्देश के बाद गृह विभाग से लेकर न्याय विभाग तक सक्रिय हुआ। लव जेहाद के मामले में कार्रवाई के बारे में मौजूदा कानूनों की समीक्षा की जा रही है।
गौरतलब है कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कथित लव जिहाद के कई मामले सामने आए थे। अकेले कानपुर में 11 ऐसे मामलों में जांच चल रही है, जिसमें धोखे से धर्मांतरण के आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपने लखनऊ प्रवास के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। अपने दो दिन की लखनऊ यात्रा के दौरान उन्होंने लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई थी।
8 राज्यों में मौजूद है कानून
इन सबको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने का फैसला किया है। इसके लिए अन्य राज्यों में इस पर बने कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है। गौरतलब है कि वर्तमान में 8 राज्यों में धर्मांतरण के खिलाफ कानून मौजूद हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड शामिल हैं। ओडिशा देश का ऐसा राज्य है, जहां धर्मांतरण पर सबसे पहले साल 1968 में कानून बना था।