चैतन्य भारत न्यूज
भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का दावा किया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उनके और बसपा के विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में बंधक बनाया है।
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘विपक्षी पार्टी ने गुरुग्राम के एक होटल में 10 से 11 विधायकों को रखा था। इनमें से छह से सात विधायकों को बीजेपी के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है।’ दिग्विजय सिंह ने यह भी बताया कि, ‘अब सिर्फ चार विधायक ही भाजपा के पास है।’
दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह बसपा से निलंबित विधायक रमाबाई को लेकर चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे हैं।’ हालांकि, रमाबाई के पति गोविंद ने इसका खंडन किया और कहा कि, रमाबाई अपनी बेटी से मिलने के लिए दिल्ली गई हैं। फिर मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल्ली जाने के बाद सियासी संग्राम शुरू हो गया। इसके बाद कांग्रेस के मंत्री मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को आनन-फानन में दिल्ली के लिए रवाना किया गया। पटवारी का कहना है कि उनके होटल पहुंचने से पहले ही सभी विधायकों को अन्य जगह भेज दिया गया। उन्हें सिर्फ रमाबाई ही होटल में मिली, जिन्हें वापस लाया गया।
#WATCH Haryana: Madhya Pradesh Ministers&Congress leaders Jitu Patwari&Jaivardhan Singh leave from ITC Resort in Gurugram’s Manesar,taking suspended BSP MLA Ramabai with them.8 MLAs from MP are reportedly being held against their will by BJP at the hotel,Ramabai being one of them pic.twitter.com/VUivVHsaA4
— ANI (@ANI) March 3, 2020
दिग्विजय सिंह का आरोप है कि, बीजेपी ने विधायकों को पाला बदलने के लिए 5-10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। इस पूरे मामले पर राज्य से लेकर दिल्ली तक के भाजपा नेता टिप्पणी करने से बच रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘बीजेपी के पास बेहिसाब पैसा है। शिवराज सिंह दिल्ली में हैं और इन विधायकों के साथ उनकी मीटिंग होनी थी। अभी कांग्रेस के तीन और एक निर्दलीय विधायक रह गए है। उनसे भी हमारी कोशिश है कि वापस आ जाएंगे। इसमें रघुराज कंसाना, हरदीप सिंह, बिसाहूलाल सिंह और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शामिल हैं।’
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, मप्र के 10 विधायक गुड़गांव से सटे मानेसर के ITC मौर्या होटल में ठहरे हुए थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इन विधायकों को बीजेपी गुमराह करके लाई थी, जिससे कि कमलनाथ सरकार अस्थिर हो सके। लेकिन बाद में कांग्रेस सरकार के मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह वहां पहुंचे और वे छह विधायकों को अपने साथ वापस ले आए। कांग्रेस ने इस पूरे खेल का जिम्मेदार शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य नेताओं को ठहराया है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि बचे हुए 4 विधायकों से भी कांग्रेस संपर्क में है और जल्द ही उनकी वापसी कराई जाएगी।
जानें मप्र विधानसभा की गणित
मप्र में कुल 230 विधायकों वाली विधानसभा में अभी 228 विधायक हैं। इनमें से कांग्रेस के 114, बीजेपी के 107 विधायक हैं। दो विधायक बहुजन समाज पार्टी से भी हैं, जबकि सपा से एक और चार निर्दलीय विधायक भी हैं। वहीं दो सीट विधायकों के निधन के चलते खाली हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 113 है।