चैतन्य भारत न्यूज
शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन यानी नवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। देवी के इस स्वरूप की उपासना से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। नवदुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम है। आइए जानते हैं महानवमी का महत्व और पूजा-विधि।
महानवमी का महत्व
महानवमी नवरात्रि का अंतिम दिन होता है। इस दिन लोग नौ कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोग लगाते हैं। मान्यता है कि इस दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षक का वध किया था। कहा जाता है कि मां भगवती ने 9वें दिन देवताओं और भक्तों के सभी वांछित मनोरथों को सिद्ध किया था। इनकी पूजा से भक्तों के सभी कार्य सिद्ध होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन मां की विशेष पूजा करके उन्हें दोबारा से पधारने का आवाहन कर उनकी विदाई की जाती है।
महानवमी पूजा मंत्र
सिद्धगन्धर्वयक्षाघैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।