चैतन्य भारत न्यूज
फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा गया है। इस बार यह शिवरात्रि 21 फरवरी दिन शुक्रवार को है। मान्यता है इस दिन शिव आराधना करने से सालभर की शिव पूजा का फल मिलता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव के उन रहस्यों के बारे में जो उन्होंने माता पार्वती के साथ साझा थे। भगवान शिव ने पार्वती माता को जो पाठ पढ़ाए, वे मानव जीवन, परिवार, और शादीशुदा जिंदगी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
सबसे बड़ा गुण और पाप
भगवान शिव से एक बार माता पार्वती ने पूछा कि मानव का सबसे बड़ा गुण क्या है? मानव सबसे बड़ा पाप कौन सा करता है? भगवान शिव ने इसका उत्तर दिया कि, इस दुनिया में सबसे बड़ा पाप बेईमानी और धोखा करना है। धोखा इस दुनिया का सबसे बड़ा पाप है जो मानव करता है। मानव को अपनी जिंदगी में हमेशा ईमानदार रहना चाहिए।
कभी भी ये इन तीन काम न करें
भगवान शिव ने पार्वती को बताया कि किसी भी मनुष्य को वाणी, कर्मों और विचार के माध्यम से पाप नहीं करने चाहिए। यानी पापपूर्ण कर्म नहीं करने चाहिए और विचारों और वाणी में भी अशुद्धता नहीं होनी चाहिए। मनुष्य वही काटता है जो वह बोता है। इसलिए हमेशा व्यक्ति को अपने कर्मों के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
सफलता का एक मंत्र
भगवान शिव ने बताया कि, मोह ही सभी समस्याओं की जड़ है। मोह-माया सफलता के रास्ते में बाधा उत्पन्न करती है। जब आप दुनिया की सभी तरह की मोह-मायाओं से मुक्त हो जाते हैं तो आपको अपनी जिंदगी में सफलता प्राप्त करने से कोई रोक नहीं हो सकता है।
खुद का मूल्यांकन जरूरी है
भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया कि, मानव को परिश्रम करने के साथ खुद का मूल्यांकन करते रहना चाहिए। मानव को हमेशा अपने कृत्यों और व्यवहार पर खुद ही नजर रखनी चाहिए। किसी भी मनुष्य को ऐसे कामों में लिप्त नहीं होना चाहिए जो नैतिक रूप से गलत हो।