चैतन्य भारत न्यूज
हिंदू धर्म के मुताबिक, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस बार मासिक शिवरात्रि 24 दिसंबर को पड़ रही है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व और पूजन-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी। मान्यता है कि, मासिक शिवरात्रि को ही भगवान शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसी दौरान भगवान ब्रह्मा और विष्णु के द्वारा पहली बार शिवलिंग का पूजन किया गया था। शिवरात्रि के दिन जो भी भक्त भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करता है उसे सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है।
मासिक शिवरात्रि की पूजन-विधि
- मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है।
- पूजा के दौरान ‘ऊं नम: शिवाय’ का जाप करते रहें।
- शिवरात्रि के उपवास में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। दोनों समय फलाहार का ही महत्व होता है।
- मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पुराण, शिव पंचाक्षर, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा, शिव रुद्राष्टक और शिव श्लोक का पाठ किया जाना चाहिए।
- इस दिन रात भर जागरण किया जाता है और शिव की भक्ति में लीन होकर भजन किए जाते हैं।
- मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा में रुद्राभिषेक का अधिक महत्व होता है।