चैतन्य भारत न्यूज
हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी 14वें दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मासिक त्योहारों में शिवरात्रि का व्रत और पूजन का महत्व माना जाता है। इस बार मासिक शिवरात्रि 23 जनवरी को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि का महत्व और पूजा-विधि।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है। शिव के भक्त जहां साल में एक बार महाशिवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। मासिक शिवरात्रि पर भी भोलेनाथ की आराधना करने की परंपरा हैं। शिव पुराण के अनुसार इस दिन व्रत और भगवान शिव की आराधना करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से मुश्किलें दूर होने लगती हैं।
कहा जाता है कि कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। इससे विवाह में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं। बता दें एक साल में एक महाशिवरात्रि और 11 शिवरात्रियां पड़ती हैं, जिन्हें मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, देवी लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता पार्वती ने भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रख कर शिव की पूजा की थी।
मासिक शिवरात्रि की पूजा-विधि
- सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण कर शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शकर, शहद, दही आदि से करें।
- पूजा के दौरान भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें।
- शिवरात्रि व्रत में उपवास या फलाहार की मान्यता है।
- शिवरात्रि के दिन रात में भी जागरण करना चाहिए। इस दौरान ‘ऊं नम: शिवाय’ का जाप करते रहें।
- इस दिन शिव चालीसा, शिव पुराण, रूद्राक्ष माला से महामृत्युंज्य मंत्र का जाप करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।