चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. मोदी कैबिनेट ने मंगलवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Chief Of Defence Staff) पद को बनाने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने मीडिया को बताया कि, सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए नया पद बनाने की मंजूरी दे दी है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सैन्य मामलों के प्रमुख होंगे और वह चार स्टार जनरल होंगे।
तीनों सेनाओं का एक प्रमुख
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ का नया पद बनाने का ऐलान किया। यानी देश की तीनों सेनाओँ भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नेवी का आने वाले दिनों में एक ही चीफ होगा। साल 1999 में कारगिल युद्ध के समय आया यह प्रस्ताव अब तक लंबित था और अब जाकर इसे मंजूरी दी गई है।
Union Minister Prakash Javadekar: Government has approved the creation of post of Chief of Defence Staff. The officer to be appointed as Chief of Defence Staff will be a four star General and will also head the Department of military affairs pic.twitter.com/hC4ibOT5p4
— ANI (@ANI) December 24, 2019
गृह मंत्रालय में हुई इस हाई लेवल मीटिंग
जानकारी के मुताबिक, मोदी कैबिनेट ने ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ का पद बनाने के लिए सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। मंगलवार को गृह मंत्रालय में हुई इस हाई लेवल मीटिंग में CCS की रिपोर्ट पेश की थी। इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा, तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे।
क्या है सीडीएस
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद तीनों सेनाओं के ऊपर होता है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में गठित की गई अरुण सिंह कमेटी में पहली बार इस पद का प्रस्ताव दिया था लेकिन आने वाली ज्यादातर सरकारों ने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया। फिर साल 1999 में हुए कारगिल युद्ध के बाद एक बार फिर इसके लिए मांग उठी लेकिन उस समय भी यह लागू नहीं हो सका। अटकलें हैं कि वर्तमान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को यह पद मिल सकता है।
इसका फायदा क्या होगा?
सीडीएस का सबसे बड़ा फायदा युद्ध के समय होगा। युद्ध के दौरान इसके जरिए तीनों सेनाओं के बीच प्रभावी समन्वय कायम किया जा सकेगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रहते हुए किसी भी तरह की कोई खामी नहीं रहेगी और सेना प्रभावी ढंग से दुश्मन से निपट सकेगी। इसके अलावा युद्ध के समय सिंगल प्वॉइंट आदेश जारी किया जा सकेगा, यानी कि तीनों सेनाओं को एक ही जगह से आदेश जारी होगा। इसके जरिए सेना की रणनीति पहले से और ज्यादा प्रभावशाली हो जाएगी। साथ ही इससे कोई कन्फयूजन की भी स्थिति नहीं होगी।