चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. देश में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर बढ़ती हिंसा को लेकर मोदी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अध्यादेश पास किया गया है, जिसके बाद अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसमें तीन महीने से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि, ‘कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही हैं, सरकार इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई है। जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह अध्यादेश कानून में बदल जाएगा।’ उन्होंने आगे बताया कि, ‘महामारी कानून (Epidemic Diseases Act) में बदलाव करके अध्यादेश लागू करने का निर्णय लिया जाएगा। मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी। 1 साल के अंदर फैसला लाया जाएगा, जबकि 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है।’
उन्होंने आगे बताया कि, ‘स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा। गंभीर मामलों में आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि, ‘गंभीर चोटों के मामले में आरोपी को छह महीने से सात साल तक की सजा हो सकती है। साथ में दोषी पर 1 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।’
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि, ‘आरोग्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी। प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा।’
IMA ने दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा था कि, यदि डॉक्टरों के खिलाफ हो रही हिंसा के लिए सरकार ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो वे बुधवार को मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन करेंगे और गुरुवार को वे ‘काला दिन’ मनाएंगे।