चैतन्य भारत न्यूज
नौ ग्रहों में चंद्रमा का स्थान काफी महत्वपूर्ण है। यह व्यक्ति के मन और आयु पर गहरा असर डालता है। चंद्रमा शुरुआती समय के विकास में सबसे ज्यादा असर डालता है। साथ ही आयु के निर्धारण में भी चंद्रमा की बड़ी भूमिका मानी जाती है। यदि चंद्रमा कमजोर होता है तो यह स्वास्थ्य, मन और आयु पर गहरा असर डालता है। खराब चन्द्रमा आयु के लिए काफी संकटकारक माना जाता है।
किन भावों में आयु और स्वास्थ्य को नुकसान पंहुचाता है?
चंद्रमा जल तत्व का स्वामी है। यह कुंडली के निचले इलाकों में काफी ज्यादा कमजोर होता है। तृतीय, षष्ठ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव चंद्रमा के कमजोर स्थान हैं। इसमें भी अष्टम भाव में चंद्रमा विशेष प्रतिकूल होता है। ऐसा होने पर व्यक्ति की आयु कम होती है। यह भी माना जाता है ऐसा चंद्रमा मानसिक रोग, स्वास्थ्य की समस्यायें और माता को समस्याएं देता है।
क्या चंद्रमा अष्टम भाव में कोई लाभ भी देता है?
अष्टम भाव गुप्त विद्या, अंतर्ज्ञान और रहस्य का माना जाता है। यह भाव शोध और अनुसंधान का भी है। चंद्रमा इस भाव में इस तरह के गुण दे देता है। यह चंद्रमा पूर्वजन्म के संस्कारों को भी बताता है। ऐसे लोग अच्छे ज्योतिषी, तांत्रिक या वैज्ञानिक होते हैं। यह चंद्रमा कभी कभी गोपनीय धन भी प्रदान करता है।
चंद्रमा समस्या दे रहा हो तो क्या उपाय करें?
किसी पवित्र स्थान से जल लाकर शयनकक्ष में रखें। नियमित रूप से भगवान शिव की उपासना करें। नित्य प्रातः और सायं 108 बार “नमः शिवाय” का जप करें। नशा और दूषित खान पान से दूर रहें। यथाशक्ति माता की सेवा और देखभाल करें। बिना विशेष जरूरत के चांदी और मोती धारण न करें।