चैतन्य भारत न्यूज
भोपाल. मध्य प्रदेश में लव जिहाद विरोधी विधेयक के मसौदे ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020’ को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दी। अब इस विधेयक को 28 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। इस विधेयक में लव जिहाद से संबंधित कानून को और सख्त बनाने संबंधी फैसला लिया गया।
Bhopal: MP Freedom of Religion Bill 2020 approved by cabinet in a special meeting chaired by CM Shivraj Singh Chouhan.
“Under new Bill, forcing religious conversion on someone will attract 1-5 yrs of imprisonment & a minimum Rs 25,000 fine,” says Narottam Mishra, State Minister pic.twitter.com/64mDEtWJoL
— ANI (@ANI) December 26, 2020
कम से कम 10 साल की सजा
जानकारी के मुताबिक, नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। यदि किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक की सजा दी जाएगी। अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी। लव जिहाद जैसे मामलों में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा। उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
कलेक्टर को एक महीने पहले आवेदन जरूरी
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए एक महीने पहले आवेदन देना होगा। कई मामलों में देखा गया है कि युवतियां स्वेच्छा से धर्मांतरण कर शादी करना चाहती है। ऐसे मामलों को देखते हुए कानून में यह भी प्रावधान होगा कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन शादी के लिए करना चाहता है, तो उसे एक महीने पहले कलेक्टर के यहां आवेदन देना होगा। आवेदन देना अनिवार्य होगा। बिना आवेदन के अगर धर्मांतरण किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Under the new MP Freedom of Religion Bill 2020, forced conversion of a minor, woman or a person from Scheduled Caste or Scheduled Tribe, would draw a minimum jail term of 2-10 years with a minimum penalty of Rs 50,000: Madhya Pradesh Home Minister Narottam Mishra https://t.co/yYErFH85fH pic.twitter.com/rJM0lfZU3p
— ANI (@ANI) December 26, 2020
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, नए विधेयक के तहत, जबरदस्ती किसी का धर्म परिवर्तन कराने पर एक से पांच साल की कैद और न्यूनतम 25,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। उन्होंने कहा, विधेयक के तहत नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 50,000 रुपये का जुर्माना और दो से लेकर दस साल की जेल की सजा का प्रावधान भी होगा।
इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी लव जिहाद के खिलाफ बनाए कानून को अध्यादेश के माध्यम से 24 नवंबर को लागू कर दिया है। जिसमें गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और 10 साल की कठोरतम सजा का प्रावधान है।