चैतन्य भारत न्यूज
भोपाल. मध्य प्रदेश में चल रहा सियासी संकट बढ़ता ही जा रहा है। कमलनाथ सरकार खतरे में है। ऐसे में अपनी सरकार बचाने के लिए कांग्रेस बचे हुए विधायकों को मध्यप्रदेश से राजस्थान के जयपुर ले जाने की तैयारी कर रही है। इधर बीजेपी भी अपने विधायकों को बचाने में जुटी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, देर रात बीजेपी के विधायक दिल्ली पहुंचे, जहां से उन्हें गुरुग्राम ले जाया गया और आईटीसी ग्रांड भारत होटल में ठहराया गया। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस बारे में कहा कि, ‘हम यहां त्योहार के मूड में हैं और छुट्टियां मनाने आए हैं।’
#MadhyaPradesh Bharatiya Janata Party (BJP) MLAs arrive in Delhi. pic.twitter.com/5c8ChzUOvR
— ANI (@ANI) March 10, 2020
बता दें मंगलवार को जहां पूरा देश होली के जश्न में डूबा हुआ था वहीं पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने एक फैसले से राजनीति में भूचाल ला दिया। सिंधिया कांग्रेस से अलग हो गए हैं। उनके साथ ही 22 कांग्रेस विधायकों ने भी अपना पद छोड़ दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री कमल नाथ अपनी सरकार बचाने के लिए सभी कोशिशें कर रहे हैं। हालांकि, सीएम कमलनाथ यह दावा कर रहे हैं कि, ‘वो अभी भी बहुमत हासिल कर लेंगे।’ कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा कि, ‘जो विधायक गए हैं, हम उनके संपर्क में हैं। हमारी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।’
बता दें मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। इनमें से दो सीट खाली है, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। यदि कांग्रेस के 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाती है। यानी बहुमत क लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी।
सियासी संकट से पहले
- कांग्रेस 114
- बीजेपी 107
- बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित)
- सपा 1
- निर्दलीय 4
- रिक्त सीटें 2
बहुमत के लिए आंकड़ा 116 चाहिए
- विधायकों के इस्तीफे के बाद का समीकरण
- कांग्रेस के 114 में से 22 का इस्तीफा और 4 मिसिंग के बाद अब कुल बचे 88 विधायक
- बीजेपी के 107 में से दो बागी, अब कुल 105 विधायक
- बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित)
- सपा 1
- निर्दलीय 4
- बहुमत के लिए आंकड़ा 104 चाहिए
गौरतलब है कि साल 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक के समर्थन में 121 विधायकों के साथ अपनी सरकार बनाई थी।