चैतन्य भारत न्यूज
मुुंबई. ट्रैफिक में हॉर्न न बजाने को लेकर कई तरह के अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन उनका कोई असर नहीं होता है। ट्रैफिक सिग्नल पर बेवजह हॉर्न बजाने वाले लोगों को सबक सिखाने के लिए और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए मुंबई पुलिस ने एक अनोखा तरीका निकाला है। पुलिस ने उन सभी सिग्नल पर डेसिबल मीटर लगा दिए हैं, जहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहता है।
मुंबई पुलिस ने इस कैंपेन का नाम ‘पनिशिंग सिग्नल’ दिया है। जानकारी के मुताबिक, फिलहाल मुंबई के पांच ट्रैफिक सिग्नलों छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मरीन ड्राइव, पेडर रोड, हिंदमाता सिनेमा दादर और बैंड्रा पर डेसिबल मीटर लगाए गए हैं। इन्हें ट्रैफिक सिग्नल के साथ ही जोड़ा गया है। इस सिस्टम को इस तरह बनाया गया है कि जैसे ही डेसिबल मीटर 85 डेसिबल के पार जाएगा, सिग्नल का टाइमर रीसेट हो जाएगा। सरल भाषा में समझा जाए तो आप जितना ज्यादा हॉर्न बजाएंगे, उतना ही ज्यादा आपको इंतजार करना होगा।
Horn not okay, please!
Find out how the @MumbaiPolice hit the mute button on #Mumbai’s reckless honkers. #HonkResponsibly pic.twitter.com/BAGL4iXiPH— Mumbai Police (@MumbaiPolice) January 31, 2020
ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) मधुकर पांडेय ने बताया कि, ‘डेसिबल मॉनिटर ट्रैफिक सिग्नल से जुड़े हुए हैं। ज्यादा हॉर्न बजाने से जैसे ही डेसिबल लेवल 85 के खतरनाक स्तर पर पहुंचेगा सिग्नल का टाइम दोबारा रिसेट हो जाएगा जिससे वाहन चालकों को सिग्नल पर दोगुना इंतजार करना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा, ‘एफसीबी इंटरफेस के साथ मिलकर हमने यह पहल की है जिससे बेवजह हॉर्न बजाने की समस्या पर कुछ काबू किया जा सके।’
मुंबई पुलिस ने इस पहल का एक वीडियो भी ट्वीटर पर शेयर किया है। वीडियो की शुरुआत में बताया गया है कि, ‘दुनिया की हॉन्किंग कैपिटल में आपका स्वागत है। यहां लोग तब भी हॉर्न बजाते हैं जब सिग्नल रेड रहता है। उनको लगता है कि हॉर्न बजाने से सिग्नल ग्रीन हो जाएगा।’ वीडियो में यह दिखाया गया है कि, बेवजह हॉर्न बजाने से कुछ नहीं होगा। बल्कि आपको इसकी सजा मिलेगा और आपको ज्यादा देर इंतजार करना पड़ेगा।
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता और डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रणय अशोक ने बताया कि, ‘ऐसा सजा देनी की जगह जागरुकता फैलाने के लिए किया जा रहा है। फिलहाल यह एक प्रयोग के तौर पर है जिस पर लोगों की प्रतिक्रिया ली जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘बेवजह हॉर्न बजाना न सिर्फ एक बुरी आदत है बल्कि यह ट्रैफिक के नियमों के भी खिलाफ है। इससे स्वास्थ्य संबंधी बहुत सी परेशानियां होती हैं।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दो सालों में साल 2018 में 149 और साल 2019 में 460 लोगों के खिलाफ बेवजह हॉर्न बजाने को लेकर मामले दर्ज किए गए।