चैतन्य भारत न्यूज
मुजफ्फरपुर. बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न (Muzaffarpur Shelter Home Case) मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 आरोपियों में से मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत 19 को दोषी पाया, जबकि एक को आरोपमुक्त कर दिया गया है। इस मामले में आरोपियों की सजा का ऐलान 28 जनवरी को होगा।
ये पूरा मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है। ब्रजेश ठाकुर पर नाबालिग बच्चियों और युवतियों के यौन शोषण के आरोप थे। बता दें टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की एक रिपोर्ट सामने आने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया। रिपोर्ट में मुख्य आरोपी के तौर पर ब्रजेश ठाकुर का नाम आया था जो बिहार सरकार के बेहद करीब था। सीबीआई ने भी जांच में ब्रजेश को ही मुख्य आरोपी बताया है। सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में बताया कि, जिस शेल्टर होम में 40 से अधिक बच्चियों के साथ दुष्कर्म होता रहा उसको ब्रजेश ठाकुर ही चला रहा था।
Muzaffarpur shelter home case: A Delhi Court convicts 19 accused including NGO owner Brajesh Thakur in connection with sexual & physical assault of girls at a shelter home in Bihar’s Muzaffarpur district. One accused acquitted. pic.twitter.com/n8ysX2D994
— ANI (@ANI) January 20, 2020
ये पाए गए दोषी
ब्रजेश ठाकुर के अलावा कोर्ट ने इंदू कुमारी (बालिकागृह अधीक्षक), मीनू देवी (बालिकागृह में गृह माता), मंजू देवी (काउंसलर), चंदा देवी (बालिकागृह में गृह माता), नेहा कुमारी (नर्स), हेमा मसीह (केस वर्कर), किरण कुमारी (सहायक), रवि कुमार, विकास कुमार (सीडब्लूसी का सदस्य), दिलीप कुमार (सीडब्लूसी का अध्यक्ष), विजय तिवारी (चालक), गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर उर्फ मामू, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर, डॉक्टर अश्विनी, नरेश प्रसाद और साइस्ता परवीन उर्फ मधु को दोषी करार दिया। दोषी ठहराए जाने के बाद रवि रोशन कोर्ट में ही रोने लगा और उसने खुदकुशी करने की भी धमकी दी। वहीं कोर्ट ने इस मामले में विक्की नाम के व्यक्ति को बरी कर दिया।
तीन बार टल चुका है फैसला
7 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था। इसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। करीब सात महीने की सुनवाई के बाद 30 सितंबर को साकेत कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने 14 जनवरी 2020 को सभी आरोपियों के जमानती न होने के कारण फैसला टाल दिया था। इस मामले में विभिन्न कारणों से तीन बार फैसला टल चुका था।
बिहार सरकार के अधिकारी भी आरोपी
वहीं सीबीआई का आरोप था कि ब्रजेश ठाकुर के साथ शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण के अधिकारी भी इस मामले में आरोपी हैं। ब्रजेश ठाकुर समेत पांच को कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया है। जबकि बाकी 14 में से 13 दोषियों को पोक्सो एक्ट और साजिश रचने का दोषी पाया गया है। इनमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं।