चैतन्य भारत न्यूज
17 जुलाई से सावन का सोमवार शुरू हो चुका है और आज सावन का पहला सोमवार है। इस बार सावन के पहले सोमवार के दिन खास योग बन रहा है क्योंकि आज नाग पंचमी भी है। वैसे तो सावन के सोमवार का महत्व सबसे अधिक होता है और ऐसे में आज नाग पंचमी का योग होने का कारण इस सोमवार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। ज्योतिषों के मुताबिक, ऐसा 125 सालों बाद हो रहा है, जब सावन के पहले सोमवार के दिन नाग पंचमी का योग पड़ा है। नागपंचमी पर कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी विशेष पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कालसर्प दोष को दूर करने के उपाय।
क्या होता है कालसर्प दोष
किसी की कुंडली में कालसर्प दोष तब उत्पन्न होता है जब सभी 7 ग्रह यानी सूर्य, चंद्र, मंगल, शुक्र, बुध, बृहस्पति और शनि, राहु और केतु के बीच में आ जाएं। जिन लोगों पर इस दोष का प्रभाव होता है, उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन नागपंचमी पर कुछ विशेष उपायों से आप यह दोष कम कर सकते हैं।
नागपंचमी पर कालसर्प दोष के उपाय
- कालसर्प दोष दूर करने के लिए नागपंचमी के दिन चांदी के नाग- नागिन के जोड़े की विधिवत पूजा करें।
- पूजा करने के बाद नाग-नागिन के जोड़े को बहते जल में प्रवाहित कर दें।
- नागपंचमी के दिन किसी ऐसे शिव मंदिर में जाएं जहां नाग न हो। वहां जाकर चांदी के नाग को चढ़ाएं।
- इसके अलावा नागपंचमी के दिन भगवान शिव के मंदिर में जाकर गुलाब इत्र चढ़ाएं और प्रतिदिन उसी इत्र को लगाएं।
- नागपंचमी के दिन शिवलिंग पर चंदन तथा चंदन का इत्र लगाएं।
- नागपंचमी के दिन रुद्राभिषेक कराएं और शिवमंत्र का 108 बार जाप करें।
जानिए कितने प्रकार के होते हैं कालसर्प दोष
- कुलिक कालसर्प दोष।
- वासुकी कालसर्प दोष।
- शंखपाल कालसर्प दोष।
- पद्म कालसर्प दोष।
- महापद्म कालसर्प दोष।
- तक्षक कालसर्प दोष।
- कर्कोट कालसर्प दोष।
- शंखनाद कालसर्प दोष।
- पातक कालसर्प दोष।
- विषाक्तर कालसर्प दोष।
- शेषनाग कालसर्प दोष।