चैतन्य भारत न्यूज
भारत में हर वर्ष 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ (National Voters Day 2020) मनाया जाता है। दरअसल आज ही के दिन साल 1950 में ‘भारत निर्वाचन आयोग’ की स्थापना हुई थी, इसलिए 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाना तय किया गया। इस दिन को मनाने की घोषणा 2011 में हुई थी।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य
यह दिन भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र में होने वाले हर चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में मतदाताओं की संख्या बढ़ाना और विशेषकर नए मतदाताओं को इससे जोड़ना है। साथ ही देश के मतदाताओं को उनके अधिकारों और लोकतंत्र के प्रति कर्तव्यों को याद दिलाना है।
क्या है इस बार की थीम
इस साल दसवां मतदाता दिवस मनाया जा रहा है। इस बार की थीम – ‘Electoral Literacy for Stronger Democracy’ है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर जानिए कुछ जरूरी बातें
- इलेक्शन कमीशन एक व्यक्ति को निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में रजिस्टर करता है।
- निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं को एक फोटो पहचान पत्र देता है।
- एक से ज्यादा जगहों पर खुद को वोटर के रूप में रजिस्टर करना कानूनी अपराध है। इसके लिए सजा का भी प्रावधान है।
- जब व्यक्ति का नाम चुनावी लिस्ट में शामिल होता है, उसके बाद ही कोई भी व्यक्ति वोट दे सकता है।
- यदि किसी कारण से व्यक्ति का मतदाता सूची से नाम हटा दिया गया है, तो उसके पास वोटर आईडी होने के बावजूद वोट डालने का अधिकार नहीं होता है।
- यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश का नागरिक बन जाए तो वह भारत में वोट डालने के सभी अधिकार खो देता है।