चैतन्य भारत न्यूज
पूर्व रक्षा मंत्री और वर्त्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आज 61वां जन्मदिन है। सीतरमं का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु राज्य के मदुरै में हुआ था। उनके पिता नारायण सीतारमण रेलवे में नौकरी करते थे और माता सावित्री हाउसवाइफ थीं। जन्मदिन के इस खास मौके पर आइए जानते हैं निर्मला सीतारमण के बारे में कुछ खास बातें-
तमिलनाडु में हुआ निर्मला का जन्म
वित्त मंत्री सीतारमण की शुरुआती पढ़ाई तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से हुई और उन्होंने अर्थशास्त्र से ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने जेएनयू से इकोनॉमिक में मास्टर्स कर वहीं से एम। फिल। की उपाधि ली। जेएनयू में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाताक डॉ परकाला प्रभाकर से हुई थी जिनसे बाद में उन्होंने शादी की। दोनों की एक बेटी है।
शादी के बाद चली गईं लंदन
जब सीतारमण पति के साथ लंदन में रहती थीं तो वहां वे घर का सजावटी सामान बेचने वाली एक दुकान में सेल्स गर्ल के तौर पर काम करती थीं। इसके बाद वह लंदन में कृषि इंजीनियर्स एसोसिएशन में भी रही और फिर लंदन के प्राइस वॉटरहाउस में सीनियर मैनेजर बनीं। भारत लौटने के बाद निर्मला सीतारमण ने कुछ समय तक हैदराबाद में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी में डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर काम किया।
2008 में बीजेपी में शामिल हुईं
निर्मला सीतरमण साल 2008 में बीजेपी में शामिल हुईं। वह अपने परिवार की एकमात्र सदस्य हैं, जो राजनीति से जुड़ी हुई हैं। बीजेपी का हिस्सा बनने के बाद उनका तेजी से उभार हुआ। अर्थव्यवस्था की समझ रखने और अच्छी इंग्लिश बोलने में सक्षम निर्मला सीतारमण जल्दी ही सुषमा स्वराज के बाद बीजेपी में ऐसी महिला नेत्री बनीं, जो किसी भी मुद्दे पर पार्टी का पक्ष रख सकती थीं। इसके चलते वह कुछ ही दिनों में टीवी पर पार्टी का अहम चेहरा बनकर उभरीं। विवादित बयानों से दूर रहने वालीं निर्मला सीतारमण पर पीएम नरेंद्र मोदी का भरोसा माना जाता है।
रक्षा मंत्री के तौर पर बड़ी भूमिका निभाई
2010-14 तक वह पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्रालयों का भी प्रभार मिला। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कॉरपोरेट मामलों की राज्यमंत्री, वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर काम किया। इसके बाद उन्हें राज्यसभा सदस्य रहते हुए रक्षा मंत्री बनाया गया। रक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने मोदी सरकार में बड़ी भूमिका निभाई और रफाल मामले से जुड़े विवादों को लेकर उन्होंने विपक्ष के हर वार को उन्होंने विफल साबित किया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया है। इस पद पर पहुंचने वाली वह इंदिरा गांधी के बाद दूसरी महिला हैं। हालांकि इंदिरा गांधी पूर्णकालिक वित्त मंत्री नहीं थीं जबकि निर्मला सीतारमण पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं।