चैतन्य भारत न्यूज
दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां करीब 69 दिनों तक सूरज अस्त नहीं होता है। यह देश है नॉर्वे जो आर्क्टिक सर्कल के अंदर स्थित है। इसे मध्य रात्रि देश भी कहा जाता है। नॉर्वे के एक द्वीप ने दुनिया का पहले टाइम फ्री जोन बनने के लिए पहल की है। इसके लिए सोमारोय द्वीप के 300 निवासियों ने एक अभियान चलाया है।
इस द्वीप ने ‘टाइम फ्री जोन कैंपेन’ समय की सीमाओं से आजाद रहने के लिए चलाया है। इसके समर्थन में उन्होंने एक याचिका भी दायर की है। इस अभियान की अगुवाई करने वाले केजेल ओव हैविंग के मुताबिक, इसका उद्देश्य यहां के निवासियों को काम के पारंपरिक घंटो से मुक्त रखना है। यानी इस द्वीप के लोग चाहते हैं कि वे जब जो करना चाहे वह काम कर सके।
केजेल ने बताया कि, 18 मई से 26 जुलाई के बीच करीब 69 दिन तक यहां सूरज डूबता ही नहीं है। इसके अलावा सर्दी में करीब तीन माह तक सूरज दिखाई नहीं देता। रात के 2 बजे आप बच्चों को स्विमिंग करते, फुटबॉल खेलते, लोगों के घर के लॉन साफ करते या फिर रंगाई- पुताई करते देख सकते हैं। ऐसे में द्वीप के लोगों को उम्मीद है कि, इस बदलाव से उनके स्कूल-कॉलेज और कामकाज के समय में परिवर्तन आएगा।
बता दें, इस द्वीप पर टूरिज्म और मछली पालन आय के मुख्य स्त्रोत हैं। केजेल का कहना है कि, यहां लोग ज्यादातर समय मछली पकड़ने का ही काम करते हैं। यही वजह है कि यहां पर टाइम टेबल की जरुरत नहीं पड़ती है। उन्होंने मई के आखिर में यह अभियान शुरू किया था और अब दुनियाभर में इस अभियान की चर्चा हो रही है। वहीं स्थानीय सांसद केंट गुडमंड्समेन ने इस याचिका को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। केंट ने कहा कि, उन्हें दो शहर फिनमार्क और नॉर्डलैंड का समर्थन मिला है। इससे पहले यूरोपियन युनियन भी 2021 तक डेलाइट सेविंग टाइम (साल में 2 बार घड़ी आगे बढ़ाने की प्रक्रिया) को खत्म करने के बारे में कह चुका है।
यूरोप के इन द्वीपों में ब्रिज पर ताले नहीं घड़ियां दिखती हैं
यूरोप घूमने जाने वाले पर्यटकों को अलग-अलग शहरों में ब्रिज पर कई तरह के ताले दिखाई पड़ते हैं। लेकिन नॉर्वे के द्वीपों पर लोगों को ताले के बजाय घड़ियां देखने को मिलेंगी। केजेल का कहना है कि, लंबे समय तक रात रहना या दिन न डूबने पर रात दिन का अर्थ ही नहीं रह जाता है। इसी वजह से तनाव होता है। इसके अलावा केजेल ने बताया कि, लोग समय के जंजाल में न फंसे और अपनी जिंदगी खुलकर जिएं बस यही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
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