चैतन्य भारत न्यूज
नेटफ्लिक्स-अमेजन जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म, फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए अब भारत सरकार ने गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं। इन गाइडलाइंस को इंटरमीडिएरी इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स 2021 नाम दिया गया है और इसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन गाइडलाइंस की जानकारी दी। इनके दायरे में सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म आएगा। नई गाइडलाइन्स के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट की शिकायत होने पर उसे हटाना होगा। साथ ही डिजिटल मीडिया को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही सेल्फ रेगुलेशन करना होगा।
सोशल मीडिया यूजर्स को होंगे ये चार फायदे
आपकी शिकायतें सुनी जाएंगी
अब तक यूजर्स के पास सोशल मीडिया पोस्ट्स के खिलाफ आवाज उठाने के लिए रिपोर्ट बटन था, लेकिन शिकायतों के निपटारे का पुख्ता सिस्टम नहीं था। अब सोशल और डिजिटल मीडिया कंपनियों को ऐसा मैकेनिज्म बनाना होगा, जहां यूजर्स या विक्टिम अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
शिकायतें कौन सुनेगा, यह पता रहेगा
अब तक यूजर्स को यह नहीं पता होता कि सोशल मीडिया पोस्ट्स के खिलाफ रिपोर्ट करने पर उस पर कौन विचार कर रहा है। अब कंपनियों को यूजर्स की शिकायतें निपटाने वाले अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। ऐसे अधिकारी का नाम और उसके कॉन्टैक्ट डिटेल्स बताने होंगे।
शिकायतों पर कितने दिन में कार्रवाई होगी
अभी यूजर्स को कोई टाइमफ्रेम भी नहीं मिलता कि कब तक उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई होगी। गाइडलाइन के तहत शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के अंदर सुनवाई करनी होगी और 15 दिन के अंदर शिकायत को निपटाना होगा।
महिलाओं की शिकायतों पर 24 घंटे में एक्शन होगा
यूजर्स और खासकर महिलाओं की गरिमा के खिलाफ पाए जाने वाले कंटेंट को अब कंपनियों को 24 घंटे के अंदर हटाना हाेगा। इसका फायदा उन मामलों में मिलेगा, जिनमें महिलाओं की प्राइवेसी खतरे में पड़ती हो, न्यूडिटी या सेक्शुअल एक्ट से जुड़ा मसला हो या उनकी फोटो किसी ने मॉर्फ की हो।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स की एक बॉडी सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज या फिर इस फील्ड के किसी विशेषज्ञ व्यक्ति की अध्यक्षता में बने। यह बॉडी शिकायतों की सुनवाई करे और उस पर जो फैसला आए, उसे माने।
- OTT और डिजिटल मीडिया को डिटेल्स/डिस्क्लोजर पब्लिश करने होंगे कि वे इन्फॉर्मेशन कहां से पाते हैं।
- शिकायतें निपटाने का सिस्टम वैसा ही रखना होगा, जैसा बाकी इंटरमीडिएरीज के लिए है।
- OTT प्लेटफॉर्म्स को 5 कैटेगरी में अपने कंटेंट को क्लासिफाई करना होगा। U (यूनिवर्सल), U/A 7+, U/A 13+, U/A 16+ और A यानी एडल्ट।
- U/A 13+ और इससे ऊपर की कैटेगरी के लिए पैरेंटल लॉक की सुविधा देनी होगी ताकि वे बच्चों को इस तरह के कंटेंट से दूर रख सकें।
- एडल्ट कैटेगरी में आने वाले कंटेंट देखने लायक उम्र है या नहीं, इसका भी वेरिफिकेशन मैकेनिज्म बनाना होगा।
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