चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. सोमवार से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है। संसद के इस सत्र में कई महत्वपूर्ण आर्थिक बिल पेश किए जाएंगे। इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी बिल (IBC) बिल से लेकर टैक्सेशन लॉ बिल समेत संसद के शीतकालीन सत्र में और भी कई महत्वपूर्ण आर्थिक बिलों पर चर्चा होगी। आइए इनके बारे में जानते हैं।
कंपनी (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019
इस बिल के जरिए कंपनी एक्ट 2013 में संशोधन किया जाएगा। इसके जरिए कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी यानी सीएसआर के पालन के नियम को आसान बनाया जाएगा। इससे नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के पास जाने वाले मामलों का बोझ कम हो जाएगा। साथ ही कई गलतियों को अपराध के दायरे से बाहर किया जाएगा। इससे ईज ऑफ डूंइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया जाएगा।
इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी (दूसरा संशोधन) बिल, 2019
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस बिल को 24 जुलाई को राज्यसभा में पेश किया गया था। इस बिल का उद्देश्य कंपनियों और लोगों में इन्सॉल्वेंसी यानी दिवालियापन के मसलों के समाधान के लिए समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए।
मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज (संशोधन) बिल, 2019
इस बिल के जरिए मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट, 2002 में बदलाव किया जाना है। इसके द्वारा मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज के कामकाज में सरकार की भूमिका को तर्क संगत बनाने और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में हुए घोटाले को देखते हुए इस तरह का बिल जरुरी है।
टैक्सेशन लॉज (संशोधन) ऑर्डिनेंस, 2019
यह बेहद महत्वपूर्ण है। टैक्सेशन लॉज (संशोधन) ऑर्डिनेंस द्वारा सभी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स सीमा को 30 फीसदी से कम करके 22 फीसदी करने और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए 25 फीसदी से कम करके 15 फीसदी करने का प्रस्ताव है।
प्रतिस्पर्धा (संशोधन) बिल, 2019
इस बिल के जरिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के कामकाज के ढांचे में कुछ संरचनात्मक बदलाव करने का उद्देश्य है। इसके द्वारा पूरे देश में सीसीआई के क्षेत्रीय दफ्तर खोले जाएंगे। साथ ही सीसीआई की गतिविधियों का भी विस्तार किया जाएगा।
पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल
इस बिल के जरिए लोगों के निजी डेटा के सभी तत्वों की सुरक्षा और रेगुलेशन सुनिश्चित करने और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है।