चैतन्य भारत न्यूज
योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने मंगलवार को कोरोना वायरस की दवा ‘दिव्य कोरोनिल टेबलेट’ को लॉन्च किया है। बाबा रामदेव ने यह दावा किया है कि इस दवा के सेवन करने पर रोगी पांच से 14 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है। लेकिन आयुष मंत्रालय ने पतंजलि के दावों पर संज्ञान लिया और इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी है और पतंजलि से जानकारी इसकी मांगी है। हालांकि पतंजलि की ओर से कहा गया है कि मंत्रालय को जानकारी दे दी गई है।
It’s a good thing that Baba Ramdev has given a new medicine to the country but as per rule,it has to come to AYUSH Ministry first.They even said that they have sent a report. We’ll look into it&permission will be given after seeing the report: Shripad Naik,AYUSH Minister #COVID19 pic.twitter.com/SYJH5RroAt
— ANI (@ANI) June 24, 2020
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने आज कहा कि, ‘नियम के अनुसार पहले आयुष मंत्रालय में दवा को जांच के लिए दिया जाना चाहिए।’ आयुष मंत्री ने कहा, यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को नई दवा दी है, लेकिन नियम के अनुसार, दवा को पहले आयुष मंत्रालय में जांच के लिए देना होगा। रामदेव ने यहां तक कहा है कि उन्होंने एक रिपोर्ट भेजी है। हम इसे देखेंगे और इसके बाद ही दवा को प्रयोग के लिए अनुमति दी जाएगी।
आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि, पतंजलि के जवाब और मामले की टास्क फोर्स समीक्षा करेगी कि उन्होंने क्या-क्या फार्मूला अपनाया है। उसके बाद उनको अनुमति दी जाएगी, लेकिन जो प्रोटोकॉल उसके मुताबिक, दवाई बनाने को लेकर दवाई को मार्केट में लाने को लेकर पंतजलि को आयुष मंत्रालय से पहले अनुमति लेनी चाहिए थी।
आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि इजाजत नहीं लेना ही हमारी आपत्ति है ।अगर कोई दवाई लेकर मार्केट में आता है और बनाता है तो ये खुशी की बात है। उससे किसी को एतराज नहीं है। आयुष मंत्रालय भी अपनी दवाई पर काम कर रहा है और जुलाई महीने तक आयुष मंत्रालय भी कोरोना वायरस की दवाई लेकर मार्केट में आ सकता है।
दवा को लॉन्च करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा था कि, पूरे देश को कोरोना वायरस की दवा की प्रतिक्षा थी, इसलिए आखिरकर हमने दवा को तैयार कर लिया है। इस दवा का परीक्षण 280 रोगियों पर किया गया है और सभी रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। 100 लोगों पर क्लिनिकल कंट्रोल ट्रायल की स्टडी की गई। 3 दिन के अंदर 69 फीसदी रोगी रिकवर हो गए, यानी पॉजिटिव से निगेटिव हो गए। सात दिन के अंदर 100 फीसदी रोगी रिकवरी हो गए। हमारी दवाई का सौ फीसदी रिकवरी रेट है और शून्य फीसदी डेथ रेट है।
क्या-क्या है दवा में शामिल?
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार दवा में अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी, श्वसारि रस व अणु तेल हैं। यह दवा अपने प्रयोग, इलाज और प्रभाव के आधार पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी प्रमुख संस्थानों, जर्नल आदि से प्रामाणिक है। अमेरिका के बायोमेडिसिन फार्माकोथेरेपी इंटरनेशनल जर्नल में इस शोध का प्रकाशन भी हो चुका है। पतंजलि का दावा है कि यह शोध संयुक्त रूप से पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (PRI), हरिद्वार एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (NIMS), जयपुर द्वारा किया गया है। दवा का निर्माण दिव्य फार्मेसी, हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार द्वारा किया जा रहा है।