चैतन्य भारत न्यूज
मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा शुरू किए गए ‘स्वस्थ महिला-स्वस्थ प्रदेश’ अभियान के तहत जल्द ही इंदौर, भोपाल और जबलपुर के मेडिकल कॉलेजों में गर्भ संस्कार का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट 1 मई से जबलपुर यूनिवर्सिटी में लागू होगा। इसके एक महीने बाद जून-जुलाई से प्रोजेक्ट की शुरुआत इंदौर के एमवाय अस्पताल में होगी।
जानकारी के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 50 चयनित महिलाओं का एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचरोपैथी, योग व मंत्रों के जरिये भी इलाज किया जाएगा। इसके लिए माता व बच्चे का अध्ययन भी किया जाएगा, साथ ही पुंसवन संस्कार से भी इलाज होगा। ये भी प्रयास किया जाएगा कि महिला की नॉर्मल डिलिवरी हो। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर में बुधवार को प्राचार्य डॉ. आरएस शर्मा के नेतृत्व में एक बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस बैठक में ही गर्भ संस्कार को लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया गया।
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए इंदौर, भोपाल और जबलपुर के मेडिकल कॉलेजों का चयन किया गया है। प्रोजेक्ट के तहत प्रसूति, माता व गर्भस्थ शिशु और साथ ही नवजात बच्चे पर भी अध्ययन व उनकी देखरेख की जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत वैदिक पद्धतियों जैसे मंत्र, हवन, योग, प्राकृतिक इलाज के तरीके, संगीत, प्रेरणास्पद संदेश और कहानियों को भी शामिल किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग को सौंपी गई है।
गर्भ संस्कार क्या है
गर्भ संस्कार सनातन धर्म के 16 संस्कारों में से एक है। इसके तहत बच्चे को गर्भ के अंदर संस्कार व शिक्षा प्रदान की जाती है जिससे की उसका मानसिक और व्यवहारिक विकास ठीक तरह से हो सके। गर्भवती महिला की दिनचर्या, आहार, प्राणायाम, ध्यान, गर्भस्थ शिशु की देखभाल आदि का वर्णन गर्भ संस्कार में किया गया है।