चैतन्य भारत न्यूज
इन दिनों पितृ पक्ष चल रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध पक्ष में हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और श्राद्ध कर्म के माध्यम से भोग प्रसाद ग्रहण करके हमें आशीर्वाद देकर वापस अपने लोक चले जाते हैं। मान्यता है कि हमारे पितृ पशु-पक्षियों के माध्यम से हमारे पास आते हैं और इन्हीं के माध्यम से भोजन ग्रहण करते हैं।
श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मण भोजन का विशेष महत्व होता है। लेकिन इस दौरान ब्राह्मण भोजन के भी विशेष नियम होते हैं जिनका ध्यान रखना आवश्यक होता है। अगर आप भी श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन करा रहे हैं तो इन बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखें।
इन बातों का खास ख्याल रखें
- श्राद्ध भोज करने वाला ब्राह्मण श्रोत्रिय होना चाहिए जो गायत्री का नित्य जप करता हो।
- श्राद्ध भोज करने वाले ब्राह्मण को भोजन करते समय मौन रहकर भोजन करना चाहिए।
- श्राद्ध भोज करते समय ब्राह्मण को भोजन की निंदा या प्रशंसा नहीं करनी चाहिए।
- श्राद्ध भोज करने वाले ब्राह्मण से भोजन के विषय में अर्थात् ‘कैसा है’ कभी प्रश्न नहीं करना चाहिए।
- श्राद्ध में लोहे व मिट्टी के पात्रों का सर्वथा निषेध बताया गया है।
- सोने, चांदी, कांसे और तांबे के बर्तन ही श्राद्ध पर ब्राह्मण भोज के लिए सर्वोत्तम हैं।
- मान्यता है कि चांदी के बर्तन में भोजन कराने से पुण्य प्राप्त होता है। यही नहीं, पितर भी तृप्त होते हैं।
- ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद उन्हें कपड़े, अनाज, दक्षिणा आदि दें और उनका आशीर्वाद लें।