चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. ग्लोबल ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) द्वारा भारत में एक अरब डॉलर (करीब 7000 करोड़ रुपए) के निवेश को लेकर दिए गए अपने बयान पर अब केंद्र वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि, निवेश का स्वागत है लेकिन वह कानून के अंतर्गत होना चाहिए।
बता दें कि अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस इन दिनों भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने भारत में 1 अरब डॉलर यानी करीब 7 हजार करोड़ रुपए निवेश करने का ऐलान किया है। उनके ऐलान के ठीक एक दिन बाद पीयूष गोयल ने कहा था कि, ‘अमेजन कंपनी भारत में एक अरब डॉलर का निवेश कर एहसान नहीं कर रही है।’
गोयल के इस बयान के सामने आने के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनियां और देश की कंपनियां उनसे नाराज हो गईं। इन कंपनियों का कहना था कि, ‘मंत्री जी का ऐसा कहना भारत के हित में नहीं है और इससे विदेशी कंपनियां यहां निवेश करने को लेकर हतोत्साहित होंगी।’
#WATCH Minister of Commerce Piyush Goyal speaks on his reported statement ‘…it’s not as if they (Amazon) are doing a favour to India when they invest a bn dollars.” He says, “..My statement should be seen in context. Investments are welcome but they should be within the law…” pic.twitter.com/VboRq0RYLr
— ANI (@ANI) January 17, 2020
शुक्रवार को गोयल ने कहा कि, ‘हम हर प्रकार के निवेश का स्वागत करते हैं। लेकिन कोई निवेश का आधार अगर कानून के दायरे के बाहर हो तो उसके बारे में जो कानूनी प्रक्रिया है वो होगी। कल के मेरे वक्तव्य में कुछ लोगों ने यह एहसास करने की कोशिश की कि अमेजन के प्रति मैंने कुछ नकारात्मक कहा। मैं समझता हूं कि मेरी पूरी बात में परिपेक्ष्य को देखें तो मेरा कहना यह है कि निवेश आए लेकिन जो निवेश के कायदे-कानून हैं उसके अंतर्गत आएं और पूरी दुनिया में यही है, दुनिया में कोई भी करता है तो उस देश के कायदे-कानून के दायरे में होता है।’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘आज हमारे देश में ई-कॉमर्स के कुछ कायदे-कानून हैं, उस कायदे-कानून के दायरे में जो भी निवेश आए उसका स्वागत है लेकिन उस निवेश के वजह से कोई भारत की जो छोटे व्यापारी हैं, खुदरा व्यापार करते हैं उनके सामने एक अनफेयर कॉम्पिटिशन क्रिएट हो जाए, आखिर वे लोग खून-पसीना एक करके देश के कोने-कोने में अपना रोजगार करते हैं, अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं उनको तो जीरो ब्याज पर पैसा नहीं मिलता है, उनके पास को लाखों-करोड़ों रुपये नहीं हैं तो अपने छोटे पूंजी से वो अपना व्यापार करते हैं उनको ठेस पहुंचे और कानून बताता है कि ठेस न पहुंचे उसके लिए क्या मापदंड है, तो मापदंड के दायरे में निवेश आए इतना मेरा और सरकार का कहना है।’