चैतन्य भारत न्यूज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका मंत्रिमंडल गुरुवार यानी 30 मई को शपथ ग्रहण करेंगे। साल 2014 की तरह ही इस बार भी वे राष्ट्रपति भवन प्रांगण में शपथ ग्रहण करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शपथ ग्रहण समारोह में करीब 6500 मेहमान शामिल होंगे। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के कारण सभी मंत्रालयों के दफ्तर समय से पहले ही बंद हो जाएंगे। शपथ लेने से पहले प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार सुबह 7 बजे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार शाम 7 बजे पीएम मोदी शपथ ग्रहण करेंगे। इस दौरान उनके साथ करीब 65 से 70 मंत्री भी शपथ लेंगे। जानकारी मिली है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को भी शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है। मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पीएम मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने करीब पांच घंटे बैठक की। इस बैठक में ये तय किया गया कि मोदी मंत्रिमंडल-2 में कौन-कौनसे मंत्री होंगे और किसको कौनसा मंत्रालय दिया जाए।
शपथ ग्रहण समारोह में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा सरकार ने बिम्सटेक (BIMSTEC) समूह के नेताओं को भी आमंत्रित किया है। बता दें बिम्सटेक देश के नेताओं को आमंत्रण सरकार की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत दिया गया है। इस कार्यक्रम में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, किर्गीस्तान के राष्ट्रपति एस जीनबेकोव, बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, म्यामार के राष्ट्रपति यू विन मिंट, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग और थाईलैंड से विशेष दूत ग्रिसाडा बूनरैक के भी शामिल होने की खबर है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। वहीं दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष और तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित इस समारोह में शिरकत नहीं करेंगी। शीला ने कहा कि, उन्हें पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिला है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से मना कर दिया है।