चैतन्य भारत न्यूज
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। इस बार सरकार ने बेरोजगार, किसान, टैक्स और मिडिल क्लास लोगों को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया है। बजट को लेकर विपक्ष की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई है।
‘इतिहास का सबसे लंबा बजट, लेकिन खोखला’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, ‘मुख्य मुद्दा बेरोजगारी का है। मैंने ऐसा कोई रणनीतिक विचार नहीं देखा जिससे हमारे युवाओं को रोजगार मिले। मैंने सामरिक चीजें देखी, लेकिन कोई केंद्रीय विचार नहीं था। यह अच्छी तरह से सरकार का वर्णन करता है। बहुत दोहराव है, बजट भाषण में सरकार की मानसिकता दिखी, सभी बात करते हैं, लेकिन कुछ भी नहीं हो रहा है।’ राहुल गांधी ने आगे कहा कि, ‘शायद यह इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था, लेकिन इसमें कुछ भी नहीं था, यह खोखला था।’
‘पुरानी बातें करने का कोई मतलब नहीं’
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने बजट पर ट्वीटर के जरिए प्रतिक्रिया दी और कहा कि, ‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लच्छेदार भाषण दिया, लेकिन वह बजट संबंधी गणित को स्पष्ट करने में विफल रहीं।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘किसानों की आय दोगुना करने का वित्त मंत्री का दावा खोखला है और तथ्यात्मक वास्तविकता से परे है । कृषि विकास दर दो फीसदी हो गई है। आय दोगुनी करने के लिए कृषि विकास दर को 11 फीसदी रहना होगा। नवंबर महीने तक जो राजस्व आया है वह बजट आंकलन का सिर्फ 45 फीसदी है।’ आनंद शर्मा ने वित्त मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘लच्छेदार भाषा और ऊंची आवाज में बोलना और पुरानी बातें करने का कोई मतलब नहीं।’
‘कुछ भी ठोस नहीं’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता सीताराम येचुरी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘सिर्फ लच्छेदार बातें, नारे हैं, लोगों को दुर्दशा और बढ़ती बेरोजगारी से बाहर निकालने के लिए कुछ भी ठोस नहीं है।’