चैतन्य भारत न्यूज
मेरठ. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से मंगलवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मिलने पहुंचे। लेकिन दोनों के शहर में प्रवेश करते ही पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया। पुलिस ने उन्हें धारा 144 का हवाला दिया और आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वापस दिल्ली लौट गए हैं।
फोन पर हुई बात और लौट गए राहुल-प्रियंका
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार दोपहर जब राहुल गांधी और प्रियंका मेरठ बॉर्डर पर पहुंचे तो परतापुर थाने के पास ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें धारा 144 का हवाला दिया और किसी राजनीतिक गतिविधि ना करने का हवाला दिया। फिर राहुल ने पुलिस से पूछा कि क्या आपके पास कोई ऑर्डर है? हालांकि, फिर भी उन्हें मेरठ में प्रवेश नहीं करने दिया। जब उन्हें अंदर नहीं जाने दिया तो दोनों नेताओं ने गाड़ी में बैठे हुए ही मृतकों के परिजनों से बात की। दरअसल कांग्रेस नेता इमरान मसूद मेरठ में मृतकों के घर पर ही मौजूद थे। उन्होंने ही राहुल और प्रियंका की बात करवाई।
We asked the police if they have any order, they didn’t show us any order but they told us to go back: Shri @RahulGandhi #हत्यारी_भाजपा pic.twitter.com/y9rjQikFDz
— Congress (@INCIndia) December 24, 2019
मेरठ में चार लोगों की हुई मौत
बता दें नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर मेरठ में काफी विरोध-प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान काफी ज्यादा हिंसा भी हुई थी जिसमें गाड़ियों की तोड़फोड़ और पत्थरबाजी की गई थी। इसी हिंसा में मेरठ में चार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रियंका और राहुल मृतकों के परिजनों से मुलाकात करने के लिए मेरठ गए थे।
Shri @RahulGandhi & AICC GS Smt. @priyankagandhi were stopped outside Meerut by the Police. They offered to travel in a group of 3 people, however, they were still stopped. They were on the way to meet families of victims of the violent anti-CAA protests in UP. #हत्यारी_भाजपा pic.twitter.com/3i2R5uoMhs
— Congress (@INCIndia) December 24, 2019
कांग्रेस ने साधा निशाना
जब राहुल और प्रियंका को शहर में प्रवेश नहीं करने दिया तो यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि, ‘दोनों नेता परिजनों से मिलने के लिए अकेले जा रहे थे, इस दौरान प्रशासन चाहे तो उन्हें अपनी देखरेख में ले जाता। लेकिन ये प्रशासन कांग्रेस पार्टी से डरती है और इस तरह की बहानेबाजी कर रही है।’