चैतन्य भारत न्यूज
लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मजदूरों से किराया वसूलने को लेकर रेलवे की आलोचना की है। जिसे लेकर अब रेलवे ने सफाई दी है।
रेलवे का बयान
सूत्रों के अनुसार रेलवे ने सोमवार को कहा कि, ‘रेलवे राज्य सरकारों से इस वर्ग के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो रेलवे की कुल लागत का महज 15 प्रतिशत है। रेलवे किसी भी प्रवासी को टिकट नहीं बेच रहा है और राज्यों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची के अनुसार ही यात्रियों को यात्रा करने दे रहा है।’ मंत्रालय ने आगे कहा कि, ‘लॉकडाउन के बीच वह अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में 34 श्रमिक ट्रेनों का संचालन कर चुका है। वह सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए इस कठिन समय में गरीब लोगों को आरामदायक यात्रा मुहैया करवा रहा है।’
क्या है मामला
बता दें लॉकडाउन के दौरान लगातार ये मांग की जा रही थी अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों या दूसरे लोगों को उनके घर जाने के इंतजाम कराए जाए। राज्य सरकारें भी मजदूरों को घर भेजने की मांग कर रही थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों, श्रद्धालुओं, छात्रों समेत दूसरे फंसे लोगों को अपने-अपने गृहराज्य जाने की इजाजत दे दी थी। राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से कहा था कि, इतनी बड़ी संख्या में फंसे लोगों को बिना ट्रेन के नहीं पहुंचाया जा सकता है। इसके बाद देशभर में मजदूरों के लिए श्रमिक ट्रेन के नाम से स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं।
इस बात को लेकर हो रहा विवाद
विवाद इस बात को लेकर हो रहा है कि परेशानी में फंसे मजदूरों से घर जाने के लिए टिकट का पैसा वसूला जा रहा है। जिसे लेकर गैर-बीजेपी शासित राज्य सरकारों के अलावा कांग्रेस पार्टी व दूसरे विपक्ष दलों ने भी इस मुद्दे को उठाया है। कांग्रेस लगातार मजदूरों से टिकट का पैसा वसूलने को लेकर सरकार को घेर रही है। कांग्रेस ने तो एक कदम आगे बढ़कर अपने सभी प्रदेश संगठनों को बोल दिया है कि ऐसे मजदूरों के टिकट का पैसा वो अपने खाते से दें। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी मजदूरों से किराया वसूलने के कदम की आलोचना कर चुके हैं।
प्रियंका गांधी का ट्वीट
इसे लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए पूछा है कि, जब रेल मंत्री पीएम केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपए दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते? उन्होंने लिखा कि, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि घर लौटने वाले मजदूरों की रेल यात्रा का पूरा खर्च उठाएगी। मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर-दर की ठोकर खा रहे हैं तो यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है।’
इतना ही नहीं बल्कि प्रियंका आगे यह भी कहा कि, ‘जब हम विदेश में फंसे भारतीयों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम पर सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपए खर्च कर सकते हैं तो मजदूरों को मुफ्त में उनके राज्य क्यों नहीं भेज सकते।’
राहुल बोले- गुत्थी सुलझाइए
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए।’