चैतन्य भारत न्यूज
राजस्थान में सियासी ड्रामा जारी है। इस राजनीतिक रण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच जमकर शब्द बाण चल रहे हैं। यह सियासी घमासान हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायकों को पार्टी व्हिप के उल्लंघन के मामले में विधानसभा स्पीकर द्वारा नोटिस जारी किया गया है। फिलहाल, हाईकोर्ट ने सुनवाई की तारीख टाल दी है। अगली सुनवाई तक पायलट खेमे के विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी।
राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की ओर से दायर की गई याचिका पर अब सोमवार को सुबह 10 बजे से फिर से सुनवाई होगी। इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट ने 21 जुलाई तक नोटिस पर रोक लगा दी है। रोक लगाने के साथ ही अब 21 जुलाई तक विधानसभा स्पीकर कोई कार्रवाई नहीं कर सकेंगे। कोर्ट में सत्ता पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सचिन पायलट ग्रुप की याचिका प्री मैच्योर बताया है। दलील में उन्होंने कहा, याचिका मेंटिनेबल नहीं है, खारिज की जानी चाहिए।
‘यह बगावत नहीं’
इससे पहले बहस करते हुए हरीश साल्वे ने सचिन पायलट की तरफ से कहा कि, ‘मैं सरकार को गिरा रहा हूं या किसी भी लिमिट को क्रॉस कर कोई पाप कर रहा हूं तो समझ में आता है कि मैं गलत कर रहा हूं। मगर मैं जब आवाज उठा रहा हूं तो यह हमारे फ्रीडम ऑफ स्पीच का पाठ है जो आर्टिकल 19 के तहत मुझे मिला है।’
साल्वे ने यह भी कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे संविधान का हिस्सा है। इसलिए इस नोटिस को तुरंत रद्द किया जाए। हरीश साल्वे की ओर से कोर्ट में कहा गया कि अगर कोई विधायक अपने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार और तानाशाही रवैए के खिलाफ बोलता है, अपनी सेंट्रल लीडरशिप को जगाता है तो यह उसका फ्रीडम ऑफ स्पीच है, यह बगावत नहीं है।
क्या है मामला?
दरअसल राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट द्वारा याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा स्पीकर का नोटिस वैध नहीं है क्योंकि अभी कोई सत्र नहीं चल रहा है। साथ ही इस नोटिस का जवाब देने के लिए वक्त की मांंग भी की गई है। कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के जरिए जारी अयोग्यता संबंधी नोटिस के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की याचिका दायर की थी।