चैतन्य भारत न्यूज
हर भाई-बहन के लिए रक्षाबंधन का त्योहार बेहद खास होता है। रक्षाबंधन सिर्फ त्योहार नहीं बल्कि एक ऐसी भावना है जो रेशम की कच्ची डोरी के जरिए भाई-बहन के प्यार को हमेशा-हमेशा के लिए संजोकर रखती है। रक्षाबंधन हिन्दू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक है। इस दिन राखी बांधकर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख की कामना करती हैं। तो आइए जानते हैं रक्षाबंधन का महत्व और शुभ मुहूर्त।
रक्षाबंधन का महत्व
यह हिन्दू धर्म के सभी त्योहारों में से एक है। इस पर्व की महिमा ही है जो भाई-बहन को हमेशा-हमेशा के लिए स्नेह के धागे से बांध लेती है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन और असीमित प्रेम का प्रतीक है।
रक्षाबंधन के कई नाम
रक्षाबंधन पर पड़ने वाली पूर्णिमा को कजरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। वहीं रक्षाबंधन को भी कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे विष तारक यानी विष को नष्ट करने वाला, पुण्य प्रदायक यानी पुण्य देने वाला आदि।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन पर राखी बांधने के दो सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त होंगे। राखी बांधने का सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 11 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शाम को 3 बजकर 50 मिनट से शाम 5 बजकर 15 मिनट तक राखी बांध सकते हैं।