चैतन्य भारत न्यूज
सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस महीने में शिवभक्त भोले बाबा के प्रति अपना प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करने के लिए अलग-अलग कार्य करते हैं। मान्यता है कि, सावन महीने में जो भी भक्त भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग का नाम जपता है उसके सातों जन्म तक के पाप नष्ट हो जाते हैं। इन्हीं में से एक है रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग जिसे प्रमुख माना गया है। आइए जानते हैं रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की विशेषता के बारे में।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का महत्व
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का ग्यारवां स्थान है। माना जाता है कि रामानाथस्वामी (शिव) के शिवलिंग को भगवान विष्णु के अवतार, राम द्वारा स्थापित किया गया था। शिव पुराण के मुताबिक, जब श्रीराम ने रावण के वध हेतु लंका पर चढ़ाई की थी तो विजयश्री की प्राप्ति हेतु उन्होंने समुद्र के किनारे शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की थी। तब भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर श्रीराम को विजयश्री का आशीर्वाद दिया था। इसके बाद भगवान शिव वहां ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा के लिए स्थापित हो गए। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति पवित्र गंगाजल से भक्तिपूर्वक रामेश्वरम शिव का अभिषेक करता है वह जीवन-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है और मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को रामेश्वरम कहा गया है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की विशेषता
रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी का भव्य मंदिर भी है। कहा जाता है कि रामेश्वरम का गलियारा विश्व का सबसे लंबा गलियारा है। यह लगभग 650 फुट चौड़ा और 125 फुट ऊंचा है। सागर तट पर बने इस शानदार मंदिर के चारों तरफ ऊंची चार दीवार है। यह मंदिर लगभग 6 हेक्टेयर में बना हुआ है। रामेश्वरम मंदिर भारत के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की भव्यता और इतिहास जानने के लिए विदेशों से भी भक्त आते हैं। लोगों का कहना है कि रामेश्वरम मंदिर के पास ही सागर में आज भी आदि-सेतु के अवशेष दिखाई देते हैं। मंदिर के अंदर ही 24 कुएं हैं जिन्हें तीर्थ कहा जाता है। इनके बारे में मान्यता है कि इन्हें प्रभु श्री राम ने अपने अमोघ बाण से बनाकर उनमें तीर्थस्थलों से पवित्र जल मंगवाया था। इन चौबीस कुओं का नाम देशभर के प्रसिद्ध तीर्थों व देवी देवताओं के नाम पर रखा गया है।
कहां है और कैसे पहुंचे रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाड जिले में स्थित है। देश-दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी माध्यम से रामेश्वरम पहुंचना आसान है। देश के प्रसिद्ध महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकता आदि से रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग जाने के लिए चेन्नई (मद्रास) जाना पड़ता है। इसके बाद चेन्नई से दक्षिण रेलवे मार्ग त्रिचिनापल्ली होते हुए रामेश्वर पहुंचा जा सकता है।