चैतन्य भारत न्यूज
भारत की अलग-अलग जगहों पर होली खेलने के अलग-अलग अंदाज होते हैं। कई जगहों की होली बड़ी ही अनोखी होती है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं राजस्थान के रींगस कस्बे में मनाई जाने वाली होली के बारे में जो बेहद ही अनूठी है।
एक साथ निकाली जाती है बारात और शवयात्रा
रींगस कस्बे में धुलेंडी के दिन बरात व शवयात्रा एक साथ निकालने की परंपरा है। यहां आगे आगे बैण्ड बाजों के साथ दूल्हे की बारात चलती है और उसके पीछे मुर्दे की शव यात्रा। इस दौरान लोग नाचते-गाते अबीर गुलाल लगाते हुऐ शवयात्रा व बारात में शामिल होते हैं। ये परंपरा इस कस्बे की बहुत ही पुरानी परंपरा है।
लोग यहां के गोपीनाथ नाम के मंदिर पर इक्कट्ठा होते हैं। इसके बाद घास-फुस का मुर्दा बनाते हैं जिसकी शवयात्रा निकलती है और भीड़ में से ही किसी एक इंसान को दूल्हा बनाते हैं। सैकड़ों लोग बैण्ड बाजे के साथ दूल्हे का श्रंगार कर उसे घोड़े या फिर उंट पर बैठाकर बारात निकालते हैं। पूरे देशभर में इस होली की चर्चा होती है। यहां की होली देखने के लिए खासतौर से लोग आते हैं और इस अनोखी होली का मजा लेते हैं।
इसलिए निकालते हैं शव यात्रा
स्थानीय लोगों का कहना है कि, सैकड़ों वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। उन्होंने बताया कि कस्बे पर आने वाली तमाम बाधाओं, लोगों की मुश्किलों और गंदी आदतों को मुर्दे के साथ श्मशान में नष्ट कर दिया जाता है। साथ ही कस्बे में सुख-समृद्धि बने रहे, इसलिए यह शवयात्रा निकाली जाती है।