चैतन्य भारत न्यूज
बदलती लाइफस्टाइल और बदलता खानपान छोटी उम्र से ही बढ़ रही बीमारियों का कारण बनता जा रहा है। कई बार ये बीमारियां जानलेवा भी हो सकती हैं जैसे कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट। युवाओं में इन दोनों ही बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
पहले के समय में ये बीमारी उम्रदराज लोगों को ही अपनी चपेट में लेती थी लेकिन अब कई युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे देश में हर साल करीबन 900 लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है जिनकी उम्र 30 साल से भी कम होती है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। युवाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट होने के कई कारण हैं, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
डॉक्टर्स के पास 20 से 30 साल की उम्र के कई ऐसे युवा पहुंच रहे हैं जिन्हें हार्ट अटैक आया हो। कई बार इसके लक्षण सामने नहीं आ पाते हैं कि अचानक व्यक्ति को हार्ट अटैक कैसे आ गया। जांच करने पर पता चला कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की चपेट में आए ज्यादातर युवा मरीज को या तो स्मोकिंग की लत है, या वो तंबाकू का सेवन करते हैं और या फिर परिवार में किसी को दिल की बीमारी है। युवाओं में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के और भी कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं-
- हमारा बदलता खानपान, खासकर कि युवाओं के बीच पॉपुलर जंकफूड हार्ट अटैक के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार है। विशेषज्ञों की मानें तो जो लोग ज्यादा फैट खाते हैं, दूसरों के मुकाबले उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा 35 प्रतिशत बढ़ जाता है।
- जिस तरह से स्मोकिंग करना आज कल युवाओं में एक स्टाइल स्टेटमेंट या फिर कहा जा सकता है कि ट्रेंड बन चुका है उससे हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं।
- बदलती लाइफस्टाइल, रोजाना बढ़ता स्ट्रेस भी युवाओं में होने वाले हार्ट अटैक की एक वजह है। इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटी ना करना और शरीर को जरूरत से ज्यादा आराम देना भी हमारे दिल के लिए घातक साबित होता है।
- अगर हमें शुरुआत में ही दिल की बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन अक्सर हमें तब पता चलता है जब यह बीमारी गंभीर अवस्था में पहुंच चुकी होती है।
- वंशानुगत कारणों से भी कई लोगों को इस बीमारी का खतरा अन्य की तुलना में ज्यादा होता है।