चैतन्य भारत न्यूज
बॉलीवुड की सदाबहार एक्ट्रेस रेखा का आज 66वां जन्मदिन है। उन्हें देखकर उनकी उम्र का अंदाजा लगा पाना जरा मुश्किल लगता है। रेखा हमेशा से ही अपनी पर्सनल और रील लाइफ को लेकर मीडिया में चर्चा का विषय रही हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं।
रेखा असली नाम भानुरेखा गणेशन है। निजी जिंदगी हो या पेशेवर जिंदगी, रेखा ने दोनों में ही काफी संघर्ष किया है। रेखा का जन्म 10 अक्टूबर, 1954 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था। उनके पिता जेमनी गणेशन मशहूर तमिल अभिनेता और मां पुष्पावल्ली तेलुगू अभिनेत्री थीं। रेखा को अपने पिता से शुरुआत से ही कोई लगाव नहीं था। एक इंटरव्यू में रेखा ने कहा था कि, ‘मेरे लिए ‘फादर’ शब्द का कोई अर्थ नहीं है। मेरे लिए ‘फादर’ शब्द का मतलब चर्च का ‘फादर’ है।’
रेखा ने 1966 में तेलुगू फिल्म ‘रंगुला रत्नम’ से अभिनय की शुरुआत की थी। फिल्म में उन्होंने बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी। रेखा को फिल्मों में आने में दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें अभिनय जारी रखना पड़ा। कुछ दक्षिण भारतीय फिल्मे करने के बाद रेखा ने बंबई की ओर रुख किया और हिंदी फिल्मों के काम करना शुरू किया। बंबई उनके लिए एकदम नया था। सांवला रंग और लड़खड़ाती हिंदी के कारण रेखा को बंबई में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने फिल्म ‘सावन भादो’ (1970) के साथ आगाज किया और रातों रात मशहूर हो गईं।
हिंदी सिनेमा में अपने पैर जमाए रखने के लिए रेखा ने हिंदी और अपना रंग संवारने पर काफी मेहनत की। सांवली से गोरी हुई रेखा के बारे में कयास लगाए जा रहे थे कि उन्होंने सिंगापुर से गोरे होने वाली क्रीम मंगाई थी, लेकिन एक इंटरव्यू में रेखा ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि यह सब योग से संभव हुआ। उन्होंने कोई विशेष क्रीम नहीं मंगाई।
क्या आप जानते हैं कि रेखा असल में कभी एक्ट्रेस बनना ही नहीं चाहती थीं। बीबीसी को दिए इंटरव्यू में रेखा ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती एक एक्ट्रेस बनाया गया। रेखा ने कहा कि मैं रातों-रात एक स्टार बन गई थी लेकिन जब सक्सेस मिलनी शुरू हुई तो मुझे अहसास हुआ कि केवल स्टार बनने से आप इंडस्ट्री में पहचान नहीं बनाते हैं। बल्कि एक आर्टिस्ट भी बनना आपको जरूरी होता है। मेरी मां की मदद से मैं स्टार बनीं और एक्टिंग की दुनिया को मैंने चुना। मुझे तो मार-मारकर एक्टर बनाया गया। इतना ही कहकर रेखा हंसने लगती हैं। क्योंकि वे मजाक में ये बात कह रही होती हैं।
रेखा, शादी और प्रेमप्रसंगों को लेकर भी सुर्खियों में रही हैं। रेखा का नाम लंबे समय तक अमिताभ बच्चन के साथ जुड़ता रहा। दोनों की जोड़ी पर्दे पर भी काफी लोकप्रिय रही। दोनों ने ‘ईमान धरम’, ‘गंगा की सौगंध’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’ और ‘सुहाग’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया। यश चोपड़ा की ‘सिलसिला’ अमिताभ और रेखा की एक साथ आखिरी फिल्म थी। ऐसा भी कहा जाता है कि ये कहानी असल में दोनों की कहानी से प्रेरित है।
रेखा की अभिनेता विनोद मेहरा से भी शादी की खबरें आई थीं। लेकिन एक इंटरव्यू में रेखा ने विनोद से शादी की बात से इंकार करते हुए कहा था, ‘कोई कुछ भी कह सकता है।’
असफल प्रेम संबंधों के बाद रेखा ने 1990 में दिल्ली के एक व्यवसाई मुकेश अग्रवाल से शादी की थी। लेकिन यहां भी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मुकेश ने शादी के एक साल बाद 1991 में आत्महत्या कर ली थी। भारतीय सिनेमा में रेखा अदाकारी, खूबसूरती की एक मिसाल हैं।