नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी घोषित की है। मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए इस सप्ताह के अंत में बैंक नीतिगत दरों (रेपो) में 0.25 प्रतिशत तक कटौती कर सकता है। आरबीआई ने इस बार कई नियमों में बदलाव किए हैं। अगस्त 2017 के बाद पहली बार आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है। वहीं किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए बैंक ने बिना गारंटी लोन की लिमिट बढ़ा दी है। जो किसानों के लिए राहत की खबर है।
रिजर्व बैंक की नीतिगत दर (रेपो) अभी 6.50 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने 1 अगस्त 2018 को रेपो दर में 0.25 प्रतिशत बढा कर 6.50 प्रतिशत किया था। इसी दर पर वह बैंकों को एक दिन के लिए उधार देता है। इसके बढ़ने से बैंकों का कर्ज महंगा हो जाता है।
एसबीआई इकोरैप ने कहा, ‘रिजर्व बैंक के फरवरी में बदलाव करने की उम्मीद है हालांकि, दरों में वृद्धि करने की संभावना कम ही है। दरों में पहली कटौती अप्रैल 2019 में की जा सकती है।
पॉलिसी से जुड़ी कुछ खास बातें…
- आरबीआई ने मार्च तिमाही के लिए प्रमुख मुद्रास्फीति अनुमान घटाकर 2.8 प्रतिशत किया। अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए यह अनुमान 3.2 से 3.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही के लिए 3.9 प्रतिशत किया।
- आरबीआई ने मार्च 2019 तिमाही के लिये खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान संशोधित कर 2.8 प्रतिशत किया।
- आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत तक रहने का अनुमान जताया। वित्त वर्ष 2018-19 के लिये यह अनुमान 7.2 प्रतिशत रखा गया है।
- आरबीआई ने बिना गारंटी वाले कृषि कर्ज की सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपए की।
- आरबीआई ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत की।