चैतन्य भारत न्यूज
आज ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है और इस दिन को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। संकष्टी चतुर्थी जो हर संकट को हरने वाली चतुर्थी होती है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। भगवान गणेश की पूजा करने से हर मनोकामना तो पूरी होती ही है और साथ ही सभी संकटों से भी मुक्ति मिल जाती है। आज के दिन भक्तजन श्री गणेश चतुर्थी का व्रत भी रखते हैं, जो कि बड़ा ही फलदायी माना जाता है। अगर आपके जीवन में भी समस्याएं हैं जिनसे आप मुक्ति पाना चाहते हैं और आप सुख-सौभाग्य में वृद्धि करना चाहते हैं तो आप आज व्रत जरूर करें। व्रत करने के साथ-साथ आप इस विधि से श्री गणेश की पूजा जरूर करें।
संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त-
शुभ मुहूर्त- अभिजीत मुहूर्त- नहीं, विजय मुहूर्त- दोपहर 02:03 से 03:27 तक
अशुभ मुहूर्त- राहुकाल-दोपहर 12:00 से 01:30 बजे तक
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि-
- संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- स्नान करने के पश्चात् पूजा की तैयारियां शुरू करें।
- पूजा के दौरान लाल रंग के वस्त्र पहनें।
- सबसे पहले मंदिर में लाल कपड़ा बिछाकर वहां पर भगवान गणेश की स्थापना करें।
- गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढाएं।
- भगवान गणेश को प्रसाद में मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं।
- फिर आप गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें।
- अंत में भगवान गणेश की आरती करें और ईश्वर से अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने की प्रार्थना करें।