चैतन्य भारत न्यूज
सावन महीने में सोमवार के व्रत का बहुत महत्व है। सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए होता है। ऐसे में सावन महीने में इस व्रत का महत्व अधिक बढ़ जाता है। दरअसल सावन का महीना भगवान शिव को अधिक प्रिय है। इस महीने में वह बेहद प्रसन्न रहते हैं। कहा जाता है कि, जो भी भक्त सावन के महीने में शिव की भक्ति पूरी श्रद्धा के साथ करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
सावन में शिव पूजा का महत्व
शास्त्रों के मुताबिक, जब सृष्टि के आरंभ में कुछ नहीं था, तब भगवान शिव ने सृष्टि की रचना के लिए पांच मुख धारण किए थे। कहा जाता है कि, शिव के पांच मुख से ही पांच तत्वों जल, वायु, अग्नि, आकाश और पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है। पश्चिम का मुख सद्योेजात, उत्तर का मुख बामदेव, पूर्व का मुख ततपुरुष, दक्षिण का मुख अघोर और ऊपर का मुख ईशान है। मान्यता है कि, सावन महीने में आने वाले पांच सोमवार को इन्हीं पांच मुखों की पूजा-अर्चना की जाती है।
सावन में भूलकर भी न करें ये काम-
- सावन महीने में शिव भक्तों को मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सावन में आने वाले हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न करें।
- पूजा के समय भगवान शिव की शिवलिंग पर हल्दी भूलकर भी न चढ़ाएं।
- सावन में कांवड़ यात्रा के लिए निकले शिव भक्तों का अनादर न करें।
- इस व्रत में एक समय रात्रि में भोजन करना चाहिए।
- शिव पूजा के साथ-साथ शिव परिवार (श्री गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी, नाग देवता) का भी पूजन करें।
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