चैतन्य भारत न्यूज
आज यानी 7 फरवरी को षटतिला एकादशी हैं। इस तिथि पर तिल का सेवन, दान करने की परंपरा है। मान्यता है कि श्री हरि की कृपा के साथ समस्त देवताओं की कृपा का यह अद्भुत संयोग केवल षठतिला एकादशी को ही मिलता है। आइए जानते हैं षटतिला एकादशी पर किन-किन नियमों का पालन करना चाहिए और शुभ मुहूर्त।
षटतिला एकादशी के नियम
- इस दिन प्रातः काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
- स्नान करने के बाद सूर्य को तिल मिले जल से अर्घ्य दें।
- रात्रि में भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं।
- इस व्रत में तिल स्नान, तिल युक्त उबटन लगाना, तिल युक्त जल और तिल युक्त आहार ग्रहण करना तथा तिल का दान जैसे काम जरूर करने चाहिए।
- मुक्ति और मोक्ष प्राप्त करने के लिए इस दिन गोबर, कपास और तिल का पिंड भी बनाया जाता है तथा उसका पूजन करके संध्या काल में उसी से हवन किया जाता है।
- हवन के बाद तिल का प्रसाद लोगों में बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें।
षट्तिला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि इस बार 7 फरवरी को पड़ रही है। इस दिन पूरा दिन पूरी रात होकर सुबह 4 बजकर 48 मिनट तक रहेगी।