चैतन्य भारत न्यूज
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध कर दिया है। कांग्रेस के एक भी विधायक के न पहुंचने से विश्वास प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया। विधानसभा की कार्यवाही का संचालन सभापति तालिका के वरिष्ठ सदस्य जगदीश देवड़ा ने किया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ लेने के बाद ही 24 से 27 मार्च तक विधानसभा का सत्र बुलाया था। इसमें पहले दिन यानी 24 मार्च को शिवराज सिंह चौहान को बहुमत सिद्ध करना था। अब 27 मार्च को सदन में लेखानुदान प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट की मंजूरी ली जाएगी।
कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका के बीच शुरू हुए सत्र में खासी एहतियात बरती गई। प्रस्ताव से पहले मुख्यमंत्री ने भाषण में कहा कि राज्यपाल ने सरकार को 15 दिनों में सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा था, इसलिए वे विश्वास मत पेश कर रहे हैं। बाहरी व्यक्तियों के परिसर में आने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी।
सभापति जगदीश देवड़ा ने विश्वास मत प्रस्ताव पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही 27 मार्च, शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भाजपा के वरिष्ठ विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कार्यवाही के बाद कहा कि बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों ने भी विश्वास मत के पक्ष में मतदान किया।
उधर, कांग्रेस नेताओं ने दावा कि कांग्रेस विधायक दल को सूचना सुबह अखबारों से मिली। कांग्रेस विधायकों को सत्र की सूचना ही नहीं मिली। कांग्रेस विधायक दल के स्थाई सचिव किशन पंत ने बताया कि सुबह समाचार पत्रों से सत्र की जानकारी मिली। विधायकों को कहा गया कि आप जा सकते हो तो पहुंच जाओ। मगर विधायक दल का कोई भी सदस्य कार्यवाही में नहीं जा सका।